सन फार्मा की कंपनी ने US में एंटीफंगल शैम्पू की 17000 यूनिट्स मंगाए वापस, जानें- प्रोडक्ट्स में क्या आई है खराबी

सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने पिछले साल 347.73 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डील में टैरो फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का खुद में विलय पूरा कर लिया था. भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियां अमेरिकी नागरिकों को दवाओं का एक बड़ा हिस्सा सप्लाई करती हैं.

सन फार्मा की टैरो फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज बनाती है ये प्रोडक्ट्स. Image Credit: Money9live/Social Media

सन फार्मा की एक यूनिट टैरो फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, मैन्युफैक्चरिंग दिक्कतों के कारण अमेरिका में एक एंटीफंगल दवा की 17,000 से ज्यादा यूनिट्स को वापस मंगा रही है. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने इसकी जानकारी दी है. अपनी नई एनफोर्समेंट रिपोर्ट के अनुसार, US हेल्थ रेगुलेटर ने बताया कि हॉथोर्न स्थित सन फार्मा/टैरो, सिकोपिरोक्स शैम्पू की 17,664 यूनिट्स को वापस मंगा रही है.

यह एक एंटीफंगल दवा है जो सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस का इलाज करती है, यह एक ऐसी स्थिति है जिससे त्वचा सूखी, पपड़ीदार और खुजली वाली हो जाती है.

स्पेसिफिकेशन्स में फेल

USFDA ने बताया कि कंपनी ‘इम्प्योरिटी/डिग्रेडेशन स्पेसिफिकेशन्स में फेल होने’ की वजह से खराब लॉट को वापस मंगा रही है. कंपनी ने इस साल 9 दिसंबर को पूरे देश में क्लास II रिकॉल शुरू किया था.

क्लास II रिकॉल

कंपनी ने इस साल 9 दिसंबर से देश भर में क्लास II रिकॉल शुरू किया है. USFDA के अनुसार, क्लास-II रिकॉल तब शुरू किया जाता है जब किसी खराब प्रोडक्ट के इस्तेमाल या संपर्क में आने से अस्थायी या मेडिकल रूप से ठीक होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, या जब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बहुत कम हो.

डर्मेटोलॉजी से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाती है कंपनी

सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने पिछले साल 347.73 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डील में टैरो फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का खुद में विलय पूरा कर लिया. विलय के बाद, टैरो अब एक प्राइवेट कंपनी है और पूरी तरह से सन फार्मा के मालिकाना हक में है. सन फार्मा 2010 से टैरो की मेजॉरिटी शेयरहोल्डर रही है. मुख्य रूप से डर्मेटोलॉजी पर फोकस करने वाली टैरो, प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर प्रोडक्ट्स की एक बड़ी रेंज बनाती है.

अमेरिका बड़ा बाजार

भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियां अमेरिकी नागरिकों को दवाओं का एक बड़ा हिस्सा सप्लाई करती हैं. 2022 में अमेरिका में भरे गए हर 10 प्रिस्क्रिप्शन में से चार भारतीय कंपनियों द्वारा सप्लाई किए गए थे.

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