वॉरेन बफेट के सफलता के पीछे है इस भारतीय का बड़ा रोल, इंश्योरेंस प्रीमियम की गणित से Berkshire को बनाया कैश मशीन

आइए जानते हैं वॉरेन बफेट को 174 अरब डॉलर का फायदा पहुंचाने वाले उस भारतीय इंजीनियर अजित जैन के बारे, जिन्होंने बर्कशायर की किस्मत बदल दी. अजित जैन की सबसे बड़ी उपलब्धि है बर्कशायर का फ्लोट यानी इंश्योरेंस प्रीमियम से आया वह पैसा, जिसे सालों तक क्लेम के तौर पर चुकाना नहीं पड़ता.

वॉरेन बफेट Image Credit:

कभी-कभी कॉरपोरेट इतिहास में ऐसे लोग देखने को मिलते हैं जो सुर्खियों से दूर रहकर पूरी व्यवस्था की रीढ़ बन जाते हैं. अजीत जैन ऐसे ही शख्स हैं. एक भारतीय इंजीनियर, जिसने बिना फाइनेंस या इंश्योरेंस बैकग्राउंड के Berkshire Hathaway के लिए ऐसा कैश इंजन तैयार किया, जिसने वॉरेन बफेट (Warren Buffett) की सबसे बड़ी निवेश सफलताओं को ताकत दी. ऐसे में आज के टाइम में जब बर्कशायर फ्यूचर की तैयारी कर रहा है, तब अजित जैन का नाम कंपनी के सबसे मजबूत स्तंभों में लिया जाता है.

ओडिशा से ओमाहा तक का सफर

23 जुलाई 1951 को ओडिशा में जन्मे अजित जैन ने 1972 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. शुरुआत में उन्होंने भारत में IBM कंपनी में सेल्समैन के तौर पर काम किया और ‘Rookie of the Year’ भी बने. साल 1976 में जब IBM ने भारत से कारोबार समेटा, तब जैन अमेरिका चले गए. वहां उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से MBA किया और बाद में McKinsey & Company में काम किया. यहीं से उनकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई, जिन्होंने उन्हें बफेट तक पहुंचाया.

वह शनिवार जिसने बर्कशायर की किस्मत बदल दी

साल 1986 को शनिवार की सुबह अजित जैन ओमाहा में बर्कशायर हैथवे के ऑफिस पहुंचे. उनके पास न तो इंश्योरेंस का अनुभव था और न ही कोई बड़ी पहचान. फिर भी उसी दिन वॉरेन बफेट ने उन्हें कंपनी के संघर्ष कर रहे री-इंश्योरेंस बिजनेस की जिम्मेदारी सौंप दी. बफेट को जैन में वह चीज दिखी, जो बाकी लोग नहीं देख पाए. बड़े और दुर्लभ जोखिमों को सही कीमत पर आंकने की गजब की क्षमता.

‘फ्लोट’ का जादू और 174 अरब डॉलर का इंजन

अजित जैन की सबसे बड़ी उपलब्धि है बर्कशायर का फ्लोट यानी इंश्योरेंस प्रीमियम से आया वह पैसा, जिसे सालों तक क्लेम के तौर पर चुकाना नहीं पड़ता. 2024 तक यह फ्लोट बढ़कर करीब 174 अरब डॉलर हो गया. खास बात यह है कि बर्कशायर को इस पैसे पर ब्याज देना नहीं पड़ता, बल्कि कई बार कंपनी को इसे रखने के लिए फायदा ही होता है. आज के हाई इंटरेस्ट रेट वाले माहौल में यह फ्लोट 5 फीसदी रिटर्न पर करीब 8.7 अरब डॉलर सालाना प्री-टैक्स इनकम पैदा कर सकता है.

वॉरेन बफेट और चार्ली मंगर की नजर में अजित जैन

वॉरेन बफेट ने शेयरहोल्डर्स से कहा था, “अगर मैं, चार्ली और अजित एक डूबती नाव में हों और किसी एक को बचाना हो, तो अजित को बचाना. वहीं Charlie Munger ने अजित जैन के दिमाग को ‘आइडिया फैक्ट्री’ कहा. खास बात ये है कि अजित जैन की सबसे बड़ी ताकत है ‘ना’ कहने की क्षमता. सही कीमत नहीं मिली, तो महीनों तक कोई डील नहीं करना. यही अनुशासन बर्कशायर की पहचान है.

ग्रेग एबल के साथ फ्यूचर की जोड़ी

साल 2018 में अजित जैन को इंश्योरेंस ऑपरेशंस का वाइस चेयरमैन बनाया गया. वहीं ग्रेग एबल (Greg Abel) को नॉन-इंश्योरेंस बिजनेस की जिम्मेदारी मिली. अब जब बफेट धीरे-धीरे एक्टिव भूमिका से हट रहे हैं, तो एबल ऑपरेशंस संभालेंगे और जैन इंश्योरेंस की मजबूत दीवार बनाए रखेंगे. 2024 में अजित जैन की सैलरी करीब 20 मिलियन डॉलर रही, जो उनके जिम्मेदारी के लेवल को दिखाती है. सितंबर 2024 में अजित जैन ने बर्कशायर के 200 क्लास-A शेयर करीब 139 मिलियन डॉलर में बेचे. इससे उनकी हिस्सेदारी आधे से ज्यादा घट गई. हालांकि वे अब भी करीब 166 क्लास-A शेयर रखते हैं, जिनकी कीमत 120 मिलियन डॉलर से ज्यादा है.

जैन फाउंडेशन

अजित जैन ने सिएटल में Jain Foundation की स्थापना की, जो उनके बेटे को प्रभावित करने वाली एक दुर्लभ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज पर काम करती है. इंश्योरेंस की तरह ही, जैन यहां भी डेटा और रिसर्च पर आधारित फैसले लेते हैं और ग्लोबल साइंटिस्ट सहयोग को फंड करते हैं.

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