नए साल में मार्केट में एंट्री को तैयार Zepto, 26 दिसंबर को गोपनीय रूप से फाइल कर सकती है ड्राफ्ट IPO पेपर्स
Zepto के पब्लिक होने के बाद, Blinkit चलाने वाली Eternal और Instamart चलाने वाली Swiggy जैसी कंपनियों में शामिल हो जाएगी. क्विक कॉमर्स, जो पहले एक अच्छा ऑप्शन था और अब एक जरूरी सर्विस बन गया है, उसमें ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है.
क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो 26 दिसंबर को कॉन्फिडेंशियल तरीके से अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) प्री-फाइल करने वाली है. कंपनी अगले साल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने की तैयारी में है. इसके साथ ही यह क्विक कॉमर्स यूनिकॉर्न स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाला सबसे नया स्टार्टअप्स में से एक बन जाएगा. बेंगलुरु की यह कंपनी 2020 में शुरू हुई थी और शायद 2026 में पब्लिक हो जाएगी. यानी अपनी शुरुआत के लगभग छह साल बाद कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाएगी.
सात साल बाद पब्लिक हुई थी Honasa Consumer
Honasa Consumer, जो Mamaearth चलाती है अपनी स्थापना के लगभग सात साल बाद पब्लिक हुई थी और 2023 में कुछ अन्य कंपनियों के साथ इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली सबसे कम उम्र की यूनिकॉर्न कंपनियों में से एक बन गई थी.
प्री-फाइलिंग का काम पूरा
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जेप्टो Zepto का प्री-फाइलिंग का काम पूरा हो गया है और यह शायद 26 दिसंबर को सभी स्टेकहोल्डर्स को फाइलिंग के बारे में बताएगी. हालांकि, अभी तक कंपनी ने आधिकारिक रूप से इस संबंध में किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया है.
इन कंपनियों के क्लब में होगी शामिल
Zepto के पब्लिक होने के बाद, Blinkit चलाने वाली Eternal और Instamart चलाने वाली Swiggy जैसी कंपनियों में शामिल हो जाएगी. Eternal का मौजूदा मार्केट कैपिटलाइज़ेशन लगभग 30 अरब डॉलर है और Swiggy का 25 दिसंबर तक लगभग 12 अरब डॉलर है.
जेप्टो का IPO आने का मतलब यह भी होगा कि टॉप तीन क्विक कॉमर्स स्टार्टअप अब पब्लिक मार्केट में मुकाबला करेंगे, जो एक ऐसे इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक घटना है जो सिर्फ 5-6 साल पहले मौजूद नहीं थी.
क्विक कॉमर्स में मुकाबला
क्विक कॉमर्स, जो पहले एक अच्छा ऑप्शन था और अब एक जरूरी सर्विस बन गया है, उसमें ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली है. टाटा के बिगबास्केट, फ्लिपकार्ट मिनट्स, अमेजन नाउ जैसे दूसरे खिलाड़ी भी इस मुकाबले को और बढ़ा रहे हैं.
बिजनेस बढ़ाने के लिए जुटाया है पैसा
इन तीनों कंपनियों ने मुख्य रूप से अपने क्विक कॉमर्स बिजनेस को बढ़ाने के लिए नया पैसा जुटाया है और उनके पास कुल मिलाकर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कैश और कैश इक्विवेलेंट हैं, जो यह बताता है कि उन सभी के पास अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए एक बड़ा फंड तैयार है.
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