Voltas और Dixon नहीं, इस AC स्टॉक पर दांव लगा रहे हैं FIIs और DIIs; 3 साल में 260% का रिटर्न, रखें नजर

कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में कमजोरी के बावजूद Amber Enterprise India निवेशकों की पसंद बना हुआ है. Q2FY26 में जहां FIIs ने सेक्टर से बिकवाली की, वहीं Amber में FIIs और DIIs दोनों ने हिस्सेदारी बढ़ाई. कंपनी AC मैन्युफैक्चरिंग में करीब 26 फीसदी बाजार हिस्सेदारी रखती है और इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, EV और सोलर जैसे सेगमेंट में तेजी से विस्तार कर रही है.

Amber Enterprise India निवेशकों की पसंद बना हुआ है. Image Credit: money9live

Amber Enterprise: जब कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर दबाव में है और ज्यादातर शेयरों में विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, तब Amber Enterprise India निवेशकों के लिए एक अलग कहानी बनकर उभरा है. जहां एक तरफ FIIs ने Q2FY26 में कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों से 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की, वहीं Amber Enterprise में विदेशी और घरेलू दोनों संस्थागत निवेशकों ने भरोसा दिखाया है. यही वजह है कि Voltas और Dixon जैसे नामों के बावजूद यह स्टॉक बाजार के रडार पर है.

सेक्टर में बिकवाली, लेकिन Amber में खरीद

पिछले एक साल में Nifty Consumer Durables Index करीब 10.5 फीसदी गिर चुका है. महंगाई में नरमी और GST कटौती के बावजूद सेक्टर में सुस्ती बनी रही. Q2FY26 में FIIs ने पूरे सेक्टर में भारी बिकवाली की, लेकिन Amber Enterprise इसमें अपवाद साबित हुआ. इस तिमाही में FIIs ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 2.02 फीसदी बढ़ाकर 30.6 फीसदी कर ली. वहीं DIIs ने भी 2.38 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाकर कुल होल्डिंग 20.2 फीसदी कर दी. कंपनी के शेयर 24 दिसंबर को 0.8 प्रतिशत बढ़कर ₹6660 पर बंद हुए. इसने पिछले 3 सालों में निवेशकों को 260 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.

AC इंडस्ट्री का बैकबोन क्यों है Amber

Amber Enterprise भारत की सबसे बड़ी Room Air Conditioner मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है. कंपनी का RAC मैन्युफैक्चरिंग में करीब 26 फीसदी मार्केट शेयर है. यह लगभग सभी बड़े AC ब्रांड्स के लिए मैन्युफैक्चरिंग करती है, जिनमें रेलवे जैसे बड़े सरकारी ग्राहक भी शामिल हैं. Split, Inverter, Window, Tower, Cassette और Ductable AC तक कंपनी का पोर्टफोलियो फैला हुआ है.

सिर्फ AC नहीं, मजबूत डायवर्सिफिकेशन

पहले जहां Amber की कमाई का 72 फीसदी हिस्सा सिर्फ RAC से आता था, वहीं FY25 में यह घटकर करीब 43 फीसदी रह गया. कंपनी ने AC कंपोनेंट्स के साथ साथ नॉन AC कंपोनेंट्स में भी मजबूत पकड़ बनाई है. रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, माइक्रोवेव, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, एनर्जी मीटर और सेट टॉप बॉक्स जैसे सेगमेंट्स में कंपनी की मौजूदगी है. यही डायवर्सिफिकेशन निवेशकों को भरोसा देता है.

पॉइंटविवरण
Nifty Consumer Durables Index का प्रदर्शनपिछले 1 साल में करीब 10.5 प्रतिशत की गिरावट
सेक्टर की स्थितिमहंगाई में नरमी और GST कटौती के बावजूद सुस्ती
Q2FY26 में FII गतिविधिपूरे सेक्टर में भारी बिकवाली
Amber में FII हिस्सेदारी2.02 प्रतिशत बढ़कर 30.6 प्रतिशत
Amber में DII हिस्सेदारी2.38 प्रतिशत बढ़कर 20.2 प्रतिशत
शेयर का ताजा भाव24 दिसंबर को 0.8 प्रतिशत बढ़कर 6660 रुपये
लॉन्ग टर्म रिटर्नपिछले 3 साल में 260 प्रतिशत रिटर्न

Electronics और EV की तरफ बड़ा कदम

Amber Enterprise अब इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस यानी EMS बिजनेस पर भी फोकस बढ़ा रही है. कंपनी के पास PCB और Bare PCB बनाने की 6 यूनिट हैं. तमिलनाडु के होसुर में करीब 991 करोड़ रुपये के निवेश से नया मल्टी लेयर PCB प्लांट लगाया जा रहा है, जहां Q2FY27 से ट्रायल प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है. इसके अलावा जेवर में 3200 करोड़ रुपये के निवेश से हाई एंड PCB और सेमीकंडक्टर सब्सट्रेट यूनिट भी लगाई जा रही है.

Solar, EV और Railway सेगमेंट से नई ग्रोथ

Power One Micro Systems में हिस्सेदारी लेने के बाद Amber का दायरा Solar Inverters, EV Chargers और Battery Energy Storage तक बढ़ गया है. इसके साथ ही रेलवे और डिफेंस सेक्टर के लिए HVAC सिस्टम, दरवाजे, ब्रेक्स और कपलर्स जैसे क्रिटिकल पार्ट्स भी कंपनी बनाती है. नए प्लांट्स से FY26 और FY27 में रेलवे बिजनेस से मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है.

कमजोर तिमाही, लेकिन लंबी कहानी मजबूत

Q2FY26 में कंपनी की बिक्री 1685 करोड़ रुपये से हल्की गिरावट के साथ 1647 करोड़ रुपये रही और इस दौरान 32 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके बावजूद FIIs और DIIs ने हिस्सेदारी बढ़ाई. वजह है कंपनी का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड. FY16 में जहां कंपनी की बिक्री 1652 करोड़ रुपये थी, वहीं अब यह बढ़कर करीब 10983 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इसी दौरान मुनाफा 24 करोड़ रुपये से बढ़कर 229 करोड़ रुपये हो गया है.

महंगा वैल्यूएशन, लेकिन भरोसे की वजह

Amber Enterprise का PE करीब 105 गुना है, जो इंडस्ट्री एवरेज से काफी ऊपर है. इसके बावजूद निवेशक इसे लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी मान रहे हैं. मैनेजमेंट का मानना है कि Q4FY26 से AC इंडस्ट्री में रिकवरी दिख सकती है और FY26 में कंज्यूमर ड्यूरेबल बिजनेस 13 से 15 फीसदी तक बढ़ सकता है.

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निवेशकों के लिए क्या संकेत

जब पूरा सेक्टर दबाव में हो और तब भी कोई स्टॉक FIIs और DIIs दोनों का भरोसा जीत ले, तो यह उसके बिजनेस मॉडल और भविष्य की ग्रोथ पर मजबूत संकेत देता है. Voltas और Dixon के बजाय Amber Enterprise पर दांव लगना बताता है कि बाजार इसे सिर्फ AC कंपनी नहीं, बल्कि एक मल्टी सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्ले के तौर पर देख रहा है. यही वजह है कि यह स्टॉक कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में अलग पहचान बना रहा है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.