मंहगाई के चलते गुजर रहा है गोल्ड जूलरी का जमाना, स्टडेड गहने बन रहे पहली पसंद; कितनी है इसकी रिसेल वैल्यू?
महंगे होते सोने ने आम खरीदारों की ज्वेलरी पसंद पर बड़ा असर डाला है. देश की प्रमुख जूलरी कंपनियों के ताजा आंकड़े एक दिलचस्प ट्रेंड की ओर इशारा कर रहे हैं. जानिए कैसे लोगों की पसंद अब परंपरा से हटकर एक नई दिशा में जा रही है.

Studded Jewellery Demand: सोने की आसमान छूती कीमतों ने उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाला है, लेकिन इसका फायदा स्टडेड यानी कीमती पत्थरों से जड़ी हल्की जूलरी को मिला है. देश की नामी जूलरी कंपनियों के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अब लोग पारंपरिक भारी सोने के गहनों की बजाय हल्के और कम महंगे स्टडेड गहनों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं.
Titan और Kalyan ज्वेलर्स में दिखा साफ बदलाव
भारत की सबसे बड़ी जूलरी कंपनी टाइटन कंपनी लिमिटेड के मुताबिक जनवरी से मार्च 2025 के बीच स्टडेड ज्वेलरी की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि घरेलू जूलरी कारोबार में 24 फीसदी की बढ़त देखी गई. इस तिमाही में टाइटन की कुल घरेलू जूलरी बिक्री में 30 फीसदी हिस्सा स्टडेड जूलरी का रहा.
दूसरी बड़ी कंपनी कल्याण ज्वेलर्स ने इस दौरान स्टडेड जूलरी की बिक्री में 48 फीसदी की जोरदार वृद्धि दर्ज की, जबकि इसकी कुल घरेलू जूलरी बिक्री 38 फीसदी बढ़ी. कल्याण की कुल बिक्री में 31 फीसदी हिस्सा स्टडेड जूलरी का रहा.
Senco और PN Gadgil में भी यही रुझान
सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स और पीएन गडगिल ज्वेलर्स में भी इसी तरह का ट्रेंड देखा गया. सेंको में स्टडेड ज्वेलरी की बिक्री में 38 फीसदी की बढ़त और पीएन गडगिल में 31 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. हालांकि, सेंको की कुल घरेलू ज्वेलरी बिक्री 21 फीसदी और पीएन गडगिल की बिक्री सिर्फ 5 फीसदी ही बढ़ पाई.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सेंको की कुल बिक्री में स्टडेड ज्वेलरी का हिस्सा 11 फीसदी और पीएन गडगिल में मात्र 8 फीसदी रहा, जो दर्शाता है कि यह ट्रेंड अब भी शुरुआती दौर में है लेकिन तेजी पकड़ रहा है.
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स्टडेड ज्वेलरी की पकड़ मजबूत होती दिखी
कंपनी का नाम | घरेलू ज्वेलरी (₹ करोड़ में) | वृद्धि (%) | स्टडेड ज्वेलरी (₹ करोड़ में) | वृद्धि (%) |
---|---|---|---|---|
टाइटन कंपनी लिमिटेड | 10,845.0 | 24% | 3,253.5 | 12% |
कल्याण ज्वेलर्स | 5,350.4 | 38% | 185.4 | 48% |
पीएन गडगिल ज्वेलर्स | 1,588.3 | 5% | 127.1 | 31% |
सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स | 1,377.7 | 21% | 696.1 | 38% |
क्या सोना जितना मिलता है रिटर्न?
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. वित्त वर्ष 2024–25 में सोना की कीमतों में 31 फीसदी तक का उछाल आया है जिसकी वजह से ग्राहक अब हल्के और सस्ते विकल्प तलाश रहे हैं. यही वजह है कि स्टडेड ज्वेलरी जैसे विकल्पों की ओर झुकाव बढ़ रहा है.
स्टडेड जूलरी में सोने के साथ-साथ डायमंड, रूबी, एमरल्ड या अन्य कीमती/अर्ध-कीमती पत्थर जड़े होते हैं. इसकी खरीद ज्यादातर फैशन, डिजाइन और स्टेटस सिंबल के लिए होती है, ना की एक इंवेस्टमेंट के तौर पर. इसकी रिसेल वैल्यू कम होती है, क्योंकि ज्वेलर अक्सर:
- स्टोन की वैल्यू नहीं लौटाते या बहुत कम देते हैं.
- मेकिंग चार्ज और डिजाइन कॉस्ट भी डिडक्ट करते हैं.
- रीसेल के समय स्टोन निकालकर सिर्फ सोने के वजन का मूल्य देते हैं.
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