Torrent Pharma की बड़ी डील, JB Chemicals में 11917 करोड़ में खरीदेगी 46.39% स्टेक; ओपन ऑफर भी लाएगी
दवा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जहां टोरेंट फार्मास्युटिकल्स ने JB Chemicals में 46.39% कंट्रोलिंग हिस्सेदारी 11,917 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है. इस सौदे के बाद कंपनी एक ओपन ऑफर लाएगी और भविष्य में दोनों कंपनियों का विलय भी किया जाएगा.

Torrent Pharma to acquire JB Chemicals: भारत की दवा इंडस्ट्री में बड़ा सौदा हुआ है. Torrent Pharmaceuticals, जो Torrent Group की मुख्य कंपनी है, ने रविवार को ऐलान किया कि वह JB Chemicals and Pharmaceuticals में 46.39 फीसदी की कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदेगी. यह हिस्सेदारी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म KKR से खरीदी जाएगी. इस डील के तहत JB Chemicals की कुल वैल्यू 25,689 करोड़ रुपये आंकी गई है (पूरी तरह से चुकता शेयरों के आधार पर).
डील पूरी होने के बाद, Torrent का इरादा JB Chemicals को अपनी कंपनी में मर्ज यानी विलय करने का भी है. यानी आने वाले समय में JB Chemicals, Torrent Pharma का हिस्सा बन सकती है, बशर्ते डील को जरूरी सरकारी मंजूरियां मिल जाएं.सौदे के बाद कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी दवा निर्माता बन जाएगी.
क्या है इस डील में खास?
Torrent Pharma, JB Chemicals के प्रमोटर से 7.44 करोड़ शेयर (46.39 फीसदी हिस्सेदारी) 1,600 रुपये प्रति शेयर की दर से खरीदेगी. कुल सौदे की कीमत होगी करीब 11,917 करोड़ रुपये.
इसके अलावा, कंपनी JB Chemicals के कुछ कर्मचारियों से भी 2.80 फीसदी हिस्सेदारी (करीब 45 लाख शेयर) खरीदने की योजना बना रही है. ये शेयर उन कर्मचारियों से खरीदे जाएंगे जिन्होंने अपने स्टॉक ऑप्शन का इस्तेमाल किया है. इस हिस्सेदारी के लिए अधिकतम कीमत भी 1,600 रुपये प्रति शेयर रखी गई है.
इसके बाद, SEBI के नियमों के मुताबिक, Torrent Pharma अब ओपन ऑफर भी लाएगी. इसके तहत कंपनी आम पब्लिक शेयरहोल्डर्स से JB Chemicals के 26 फीसदी अतिरिक्त शेयर (करीब 4.17 करोड़ शेयर) खरीदना चाहती है. इसके लिए प्रति शेयर कीमत होगी 1,639.18 रुपये.
कंपनी की रणनीति और उद्देश्य
टोरेंट फार्मा के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन समीर मेहता ने कहा कि यह अधिग्रहण कंपनी के हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म को और मजबूत करने का एक बड़ा कदम है. JB फार्मा की भारत में तेजी से बढ़ती मौजूदगी, उसकी इंटरनेशनल CDMO (Contract Development and Manufacturing Organisation) क्षमताओं के साथ मिलकर रेवेन्यू और मुनाफे को कई गुना बढ़ाने की क्षमता रखती है. वहीं, JB फार्मा के सीईओ निखिल चोपड़ा ने कहा कि पिछले पांच सालों में कंपनी ने मजबूत नींव रखी है और टोरेंट के साथ जुड़कर स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के और भी बेहतर मौके मिलेंगे.
अब तक का दूसरा सबसे बड़ा फार्मा सौदा
इस सौदे से यह साफ है कि भारतीय फार्मा सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहा है और बड़ी कंपनियां अब और भी ज्यादा विस्तार की ओर बढ़ रही हैं. यह सौदा भारत के फार्मा सेक्टर का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा. इससे पहले केवल सन फार्मा और रैनबैक्सी का सौदा इससे बड़ा रहा है. हालांकि, इस सौदे को अभी कुछ जरूरी मंजूरियां मिलनी बाकी है. इसके लिए SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड), स्टॉक एक्सचेंज, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) और दूसरी संबंधित सरकारी एजेंसियों से अनुमति लेनी होगी.
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