Trade War: भारत पर ट्रंप के 50% टैरिफ को लेकर भड़का चीन, बोला-India-China ‘एशिया के डबल इंजन’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले पर चीन ने भड़कते हुए कहा है कि यह आर्थिक दबंगई का मामला है. इसके साथ ही चीन ने कहा कि इस मामले में चीन भारत के साथ खड़ा रहेगा और दोनों देशों की एकता पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगी.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान ने दुनियाभर में उथल-पुथल मचा रखी है. रूस से तेल खरीदन की वजह से ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने की घोषणा कर रखी है. 25 फीसदी जवाबी टैरिफ 7 अगस्त से लागू है. जबकि, 25 फीसदी पेनाल्टी टैरिफ 27 अगस्त से लागू होना है. टैरिफ की यह तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है. दुनियाभर के देश भारत के पक्ष में खड़े हो रहे हैं. बुधवार को जहां रूस ने इस मामले में भारत का समर्थन करने का वादा किया था. वहीं, गुरुवार को चीन ने भारत का खुलकर समर्थन किया है.
भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद चीन खुलकर भारत के पक्ष में उतर आया है. चीन ने अमेरिका की इस पैंतरेबाजी को आर्थिक दबंगई बताते हुए कहा कि कि भारत और चीन एशिया के “डबल इंजन” हैं और उनकी एकता पूरी दुनिया के लिए अहम है. इसके साथ ही चीन ने कहा कि उसकी चुप्पी से सिर्फ अमेरिका और ताकतवर बनेगा. लिहाजा, चीन इस फैसले का विरोध करता है और भारत के साथ खड़ा रहेगा.
चीन ने क्या कहा?
भारत में तैनात चीनी राजदूत सू फेहोंग ने कहा कि अमेरिका लंबे समय से फ्री ट्रेड का फायदा उठा रहा था, लेकिन अब टैरिफ को सौदेबाजी के हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा – “अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाए हैं और और भी धमकी दी है. चीन इसका कड़ा विरोध करता है. चुप रहना अमेरिका की दादागिरी को और बढ़ावा देगा.” इसके साथ ही उन्होंने सहयोग को ही तरक्की का रास्ता बताते हुए कहा, “हम एशिया की ग्रोथ के डबल इंजन हैं और हमारी एकता पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है.”
भारत से क्या चाहता है चीन?
सू फेहोंग ने पत्रकारों से बातचीन के दौरान कहा कि भारत-चीन को एक-दूसरे का प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि पार्टनर मानना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय सामान को चीनी बाजार में जगह देने के लिए रणनीतिक तालमेल बढ़ाने की जरूरत है. यह बयान हाल ही में हुई 24वीं सीमा वार्ता के बाद आया है, जिसमें दोनों देशों ने दस बिंदुओं पर सहमति जताई. इसमें नए जनरल-लेवल मैकेनिज्म की स्थापना, सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और अर्ली हार्वेस्ट सॉल्यूशंस पर काम करने का फैसला शामिल है.
मल्टीपोलर वर्ल्ड बनाने में भारत का साथ
जानकारों का मानना है कि अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी का विरोध कर चीन ने यह संकेत दिया है कि वह भारत के साथ मिलकर एक मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर को बढ़ावा देना चाहता है. यह कदम न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया की आर्थिक और राजनीतिक शक्ति संतुलन की दिशा तय कर सकता है.
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