रुपये-डॉलर का गेम बदल देंगे ट्रंप के फैसले! टैरिफ का क्या है कनेक्शन?

क्या ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अनजाने में आपकी जेब पर भारी पड़ रहा है? भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले क्यों ऊपर-नीचे हो रहा है? तेल, व्यापार सौदे और विदेशी निवेशकों का इससे क्या लेना-देना है? इस वीडियो में, हम बताते हैं कि ट्रंप 2.0 कैसे चुपचाप रुपया-डॉलर की कहानी को फिर से लिख रहा है और आपकी रोजमर्रा के जीवन के लिए इसका क्या मतलब है. क्या आप जानना चाहते हैं कि वैश्विक उथल-पुथल आपके स्थानीय बाजार को कैसे प्रभावित करती है?

बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.84 पर खुला. दिन में 85.93 से 85.65 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में यह 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की बढ़त है. रुपया मंगलवार को 21 पैसे की बढ़त के साथ 85.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 के आसपास कमजोर खुला, लेकिन शुरुआती गिरावट के बाद थोड़ा संभला. व्यापार समझौते पर जारी बातचीत एवं शुल्क को और कुछ समय के टालने से थोड़ी राहत मिली. इससे रुपये को स्थिरता मिली तथा 86.00 के स्तर के आसपास और गिरावट को रोकने में मदद मिली. रुपये के 85.30 से 86.20 के दायरे में कारोबार करने के आसार हैं.