रेलवे सेफ्टी पर इस बार बजट में होगा बड़ा ऐलान ! जानें क्या है मोदी सरकार का प्लान
बजट का एक बड़ा हिस्सा रोलिंग स्टॉक और ट्रैक की बेहतरी के साथ दूसरे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा. सभी कार्यों का मुख्य उद्देश्य ट्रेन की सुरक्षित यात्रा है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए 1.08 ट्रिलियन रुपये का बजट रखा गया था.

वित्त वर्ष 2025-2026 के बजट में रेल सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार अब तक का सबसे बड़ा आवंटन कर सकती है. ऐसा अनुमान है कि सरकार बजट में रेल सुरक्षा को लेकर 1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं. मिंट ने अपने एक रिपोर्ट में दो सोर्स के हवाले से बताया है कि इस बार 15 फीसदी से अधिक की यह वृद्धि, बजट में रेलवे के सालाना आवंटन का लगभग आधा हो सकता है.
रेल सेफ्टी बजट में वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, बजट का एक बड़ा हिस्सा रोलिंग स्टॉक और ट्रैक की बेहतरी के साथ दूसरे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा. सभी कार्यों का मुख्य उद्देश्य ट्रेन की सुरक्षित यात्रा है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए 1.08 ट्रिलियन रुपये का बजट रखा गया था.
पिछले वर्ष यानी 2024 की तुलना में बजट में 7 फीसदी की वृद्धि की गई. उस वर्ष सुरक्षा को मजबूत करने पर 1.01 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं एक साल और पीछे जाए यानी वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे सेफ्टी पर कुल 87,327 करोड़ खर्च किए गए थे.
मेंटेनेंस पर हुआ सबसे अधिक खर्च
आवंटन किए गए फंड को मुख्य रूप से मोटिव पावर और रोलिंग स्टॉक, मशीन और ट्रैक नवीनीकरण पर खर्च किए गए हैं. वर्तमान के वित्त वर्ष में भी ट्रैक को बेहतर करने पर कुल 17,652 करोड़ रुपये और रोलिंग स्टॉक मेंटेनेंस पर कुल 31,494 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
रेल दुर्घटनाओं में आई कमी
सुरक्षा पर किए जाने वाले खर्च का ही असर है जिससे पिछले कुछ समय में होने वाली ट्रेन दुर्घटनाओं के आंकड़े में गिरावट आई है. पिछले महीने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में बताया था कि वित्त वर्ष 2014-15 में जहां 135 रेल दुर्घटना हुई थी, 2023-24 में ये घटकर 40 पर आ गए हैं. होने वाली इन तमाम घटनाओं का मुख्य कारण ट्रैक में खराबी, लोकोमोटिव और कोच डिफेक्ट्स, इक्विपमेंट्स में खराबी और मानवीय गलतियां हैं. वैष्णव ने कहा कि ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या 2004-2014 के दौरान 1,711 थी.
रेलवे सेफ्टी पर कितना हुआ खर्च?
रेलवे के सेफ्टी प्रोजेक्ट पर होने वाला खर्च 2.5 गुना बढ़ा है. 2004-14 में जहां 70,273 करोड़ रुपये खर्च हुआ करते थे, 2014-24 में वह बढ़कर 1.78 ट्रिलियन हो गए. ट्रैक के बेहतरी में भी इस दौरान 2.33 गुना अधिक पैसे खर्च किए गए.
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