ट्रंप टैरिफ से भारत की बढ़ेगी मुश्किलें, IT सहित इन सेक्टर्स पर पड़ेगा सीधा असर; ग्लोबल कंपटीशन में पिछड़ने का डर

अमेरिका द्वारा भारत से आने वाले प्रोडक्ट पर 25 फीसदी टैरिफ और रूस से हथियार व एनर्जी खरीदने पर पेनल्टी की चेतावनी से भारत के छह प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है. इनमें टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स, ऑटो पार्ट्स, स्टील और एल्यूमिनियम, सोलर इक्विपमेंट और आईटी सर्विस शामिल हैं.

ट्रंप ने भारत से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. Image Credit: CANVA

US tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है. इसके साथ ही रूस से हथियार और तेल खरीदने को लेकर भारत पर एक पेनाल्टी की भी बात कही गई है. इन टैरिफों का असर टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स, ऑटो पार्ट्स, स्टील और एल्यूमिनियम, सोलर इक्विपमेंट और आईटी सेवाओं जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ सकता है. अगर ये टैरिफ लागू होते हैं तो न केवल निर्यात पर असर पड़ेगा बल्कि इन इंडस्ट्री की ग्लोबल कंपटीशन भी कमजोर पड़ सकती है.

टेक्सटाइल एक्सपोर्ट पर टैरिफ का सीधा असर

भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 28 फीसदी है. वेलस्पन लिविंग और ट्राइडेंट जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं. अमेरिकी टैरिफ खासतौर पर कॉटन और रेडीमेड गारमेंट्स पर असर डालेंगे, जिससे लागत बढ़ेगी और एक्सपोर्ट घट सकता है.

फार्मा सेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल

अमेरिका भारत के फार्मा एक्सपोर्ट का सबसे बड़ा बाजार है. FY24 में यह निर्यात 8.1 बिलियन डॉलर था जो FY25 में बढ़कर 9.8 बिलियन डॉलर हो गया. कुल फार्मा निर्यात का 40 फीसदी हिस्सा अमेरिका जाता है.टैरिफ के ऐलान के बाद भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है.

ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री को लग सकता है झटका

भारत ने FY24 में अमेरिका को 2.2 बिलियन डॉलर के ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स निर्यात किए, जो कुल ऑटो पार्ट्स निर्यात का 29.1 फीसदी है. टैरिफ बढ़ने से इन उत्पादों की लागत बढ़ सकती है जिससे सप्लाई चेन महंगी हो जाएगी.

पैसेंजर कार निर्यात पर भी असर

भारत से अमेरिका को पैसेंजर कारों का निर्यात बहुत कम है. वर्ष 2024 में केवल 8.9 मिलियन डॉलर की कारें अमेरिका भेजी गईं, जबकि भारत का टोटल ग्लोबल एक्सपोर्ट 6.98 बिलियन डॉलर का था. इसका मतलब है कि अमेरिका को केवल 0.13 फीसदी कारें निर्यात होती हैं, इसलिए इस पर टैरिफ का असर मामूली रहेगा.

स्टील और एल्यूमिनियम सेक्टर भी प्रभावित

FY25 में भारत ने अमेरिका को करीब 6.2 बिलियन डॉलर के स्टील और फिनिश्ड स्टील उत्पाद निर्यात किए. साथ ही, 0.86 बिलियन डॉलर मूल्य के एल्यूमिनियम और उससे जुड़े उत्पाद भी भेजे गए. भारतीय प्रोड्यूसर ने क्वालिटी और किफायती दामों के जरिए अमेरिकी बाजार में अच्छी पकड़ बनाई है.

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सोलर इक्विपमेंट पर भारी असर

भारत के लगभग सभी सोलर पीवी उत्पाद अमेरिका को ही जाते हैं. FY23 और FY24 में क्रमशः 97 फीसदी और 99 फीसदी सोलर निर्यात अमेरिका को किया गया. टैरिफ बढ़ने से इस क्षेत्र के कारोबार में बड़ी गिरावट आ सकती है.

आईटी सेवाओं पर भी पड़ सकता है असर

FY24 में भारत के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात का 54 फीसदी अमेरिका को गया. अमेरिका भारत की आईटी सेवाओं का सबसे बड़ा इंपोटर है.