अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट को वेदांता ने किया खारिज, सभी आरोपों को बताया निराधार; कंपनी ने जारी किया बयान

वेदांता समूह ने अमेरिकी रिसर्च फर्म वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सभी आरोपों को निराधार बताया है. रिपोर्ट में VSPL को ‘नकली जिंस कारोबार’ और 2,500 करोड़ के कथित फर्जीवाड़े से जोड़ा गया था. वायसराय का दावा है कि यह यूनिट NBFC नियमों से बचने के लिए बनाई गई और वॉश ट्रेडिंग जैसे फर्जी लेनदेन में शामिल थी. वेदांता ने स्पष्ट किया कि VSPL की सभी गतिविधियां पारदर्शी और वैधानिक हैं.

वेदांता Image Credit: SOPA Images

Vedanta: अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह की सेमीकंडक्टर यूनिट पर अमेरिकी रिसर्च फर्म वायसराय रिसर्च ने गंभीर आरोप लगाए हैं. फर्म का दावा है कि वेदांता सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (VSPL) एक ‘नकली जिंस कारोबार’ था, जिसे नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के रूप में वर्गीकरण से बचने के लिए बनाया गया. वायसराय ने इस ऑपरेशन को 2,500 करोड़ रुपये के ‘फर्जीवाड़े’ से जोड़ा है. अब वेदांता समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि VSPL की सभी गतिविधियां पारदर्शी और कानूनी हैं. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “रिपोर्ट में लगाए गए आरोप निराधार हैं. VSPL का संचालन पूरी तरह वैधानिक मानदंडों के अनुरूप है.”

वायसराय के प्रमुख आरोप

वायसराय की रिपोर्ट के अनुसार, VSPL को अप्रैल 2024 में वेदांता लिमिटेड (VEDL) द्वारा पुनः सक्रिय किया गया, जब समूह को गंभीर नकदी संकट का सामना करना पड़ा. शोध फर्म का दावा है कि यह यूनिट वास्तव में सेमीकंडक्टर व्यवसाय में नहीं, बल्कि एक ‘जीरो मार्जिन वाली जिंस ट्रेडिंग योजना’ में शामिल थी, जिसका उद्देश्य वित्तीय नियमों को चकमा देना था.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि VSPL ने विदेशी ऋणदाताओं से अल्पकालिक NCD जारी किए और फिर तांबा, चांदी व सोने में ‘वॉश ट्रेडिंग’ जैसी गतिविधियां कीं. वॉश ट्रेडिंग एक प्रकार का फर्जी लेनदेन होता है, जिसमें कारोबार की मात्रा बढ़ाकर बाजार को गुमराह किया जाता है.

वायसराय ने आरोप लगाया कि यह योजना वेदांता रिसोर्सेज (VRL) को ब्रांड शुल्क भेजने के लिए बनाई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया, “VSPL को अपने उद्देश्य पूरा करने के लिए 24 महीने की नियामकीय चुप्पी की जरूरत थी. भारतीय नियामकों ने इसे अनदेखा किया.”

वेदांता का पक्ष

वेदांता समूह ने वायसराय के सभी दावों को गलत बताया है. कंपनी ने स्पष्ट किया कि VSPL और VEDL के बीच सभी लेनदेन कानूनी थे और उनका पूरा खुलासा किया गया. प्रवक्ता ने कहा, “हमारे सभी वित्तीय लेनदेन पारदर्शी हैं और कॉरपोरेट गवर्नेंस मानकों का पालन करते हैं.”

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पहले भी लगाए हैं आरोप

यह पहली बार नहीं है जब वायसराय ने वेदांता पर आरोप लगाए हैं. पिछले हफ्ते भी फर्म ने समूह के खिलाफ एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.