White Goods मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां 14 अक्टूबर तक उठा सकती हैं PIL स्कीम का लाभ; 6238 करोड़ रुपये का बजट तैयार

सरकार ने White Goods (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) के लिए प्रोडक्शन से जुड़ी PLI स्कीम के लिए आवेदन की समयसीमा फिर से खोल दी है.सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. नए आवेदक और पहले से इस योजना में शामिल कंपनियां, जो अब और ज्यादा निवेश करना चाहती हैं या अपनी समूह कंपनियों के जरिए अलग-अलग लक्ष्य के लिए आवेदन करना चाहती हैं, वे सभी आवेदन कर सकती हैं. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी.

कार हेडलाइट रोशनी Image Credit: AI/canva

White Goods: सरकार ने White Goods (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) के लिए प्रोडक्शन से जुड़ी PLI स्कीम के लिए आवेदन की समयसीमा फिर से खोल दी है. यह जानकारी रविवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई. आवेदन की यह समयसीमा 30 दिनों के लिए खुली रहेगी, यानी 15 सितंबर से 14 अक्टूबर तक.

कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के तहत उद्योगों की और निवेश करने की इच्छा को देखते हुए आवेदन की समयसीमा फिर से खोली जा रही है. इसका मतलब है कि कंपनियां इस योजना के तहत ज्यादा निवेश करना चाहती हैं, इसलिए सरकार ने यह मौका दिया है. लेकिन ध्यान रहे, आवेदन की समयसीमा खत्म होने के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा.

सरकार द्वारा बनाए गए कड़े नियम

सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. नए आवेदक और पहले से इस योजना में शामिल कंपनियां, जो अब और ज्यादा निवेश करना चाहती हैं या अपनी समूह कंपनियों के जरिए अलग-अलग लक्ष्य के लिए आवेदन करना चाहती हैं, वे सभी आवेदन कर सकती हैं. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी.

इस योजना में शामिल होने वाले आवेदकों को बाकी बचे समय के लिए ही इंसेंटिव मिलेगा. यानी अगर कोई नया आवेदक या पुरानी कंपनी, जो अब ज्यादा निवेश के लिए अलग श्रेणी में जाना चाहती है, उसे केवल दो साल तक ही प्रोत्साहन मिलेगा. यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जो नई शुरुआत कर रहे हैं या जिन्होंने कम समय वाली निवेश अवधि (GP-2) चुनी है.

प्रोडक्शन और आत्मनिर्भरता को मिलेगा बढ़ावा

अब तक इस योजना के तहत 83 आवेदकों को चुना गया है, जिन्होंने कुल 10,406 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया है. इस निवेश से एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के पार्ट्स का निर्माण होगा. इसमें ऐसे पार्ट्स भी शामिल हैं, जो अभी भारत में पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते.

इससे भारत में इन सामानों का उत्पादन बढ़ेगा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अप्रैल, 2021 को मंजूरी दी थी. यह योजना सात साल तक चलेगी, यानी वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2028-29 तक. इसके लिए सरकार ने 6,238 करोड़ रुपये का बजट रखा है.

क्या है PLI स्कीम और व्हाइट गुड्स?

PLI स्कीम भारत सरकार की एक योजना है, जो देश में सामान बनाने को बढ़ावा देती है. यह साल 2020 में शुरू हुई और इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, दवाइयां, और गाड़ियों जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं. इस योजना में कंपनियों को ज्यादा सामान बनाने पर पैसों का प्रोत्साहन मिलता है. इसका मकसद है भारत में नौकरियां बढ़ाना, निवेश लाना, और भारतीय कंपनियों को दुनिया में मजबूत बनाना.

व्हाइट गुड्स बड़े और भारी घरेलू सामान होते हैं, जैसे फ्रिज, वॉशिंग मशीन, और डिशवॉशर. पहले ये ज्यादातर सफेद रंग में होते थे, लेकिन अब कई रंगों में मिलते हैं. व्हाइट गुड्स में घर के कपड़े जैसे चादर, तौलिया, और पर्दे भी शामिल हैं. साथ ही, बिना रंग वाली शराब, जैसे वोडका या जिन, को भी व्हाइट गुड्स कहा जाता है.

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