ये दो शख्स हैं Suraksha Diagnostics के मालिक, क्या 6 दिसंबर को खुलेगी किस्मत?
Suraksha Diagnostics का आईपीओ बोली के लिए खुल चुका है, इसे सब्सक्राइब करने का 2 दिसंबर को दूसरा दिन है. आईपीओ की ग्रे मार्केट में स्थिति फ्लैट है, ऐसे में क्या यह निवेशकों को मुनाफा कराएगा या नहीं, आइए जानते हैं.
पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी सेवाएं देने वाली कंपनी Suraksha Diagnostics के IPO में बोली लगाने का आज दूसरा दिन है. अभी तक यह करीब 18 फीसदी तक सब्सक्राइब हो चुका है. पहले दिन इसे निवेशकों से ठंडा रिस्पॉन्स मिला था. इसे महज 11 फीसदी ही सब्सक्राइब किया गया था. कोलकाता की इस कंपनी की स्थापना 1992 में हुई थी. सुरक्षा डायग्नोस्टिक की पूर्वी भारत में एक जाना पहचाना नाम हैं, इसके कई सेंटर्स हैं. तो कौन है इस कंपनी का मालिक और क्या आईपीओ से बदलेगी निवेशकों की किस्मत, आइए जानते हैं.
इन जगहों पर है सेंटर्स
सुरक्षा डायग्नोस्टिक सेंटर्स की भारत में कई ब्रांचेज हैं. पैथोलॉजी समेत एक ही जगह कई अन्य सर्विसेज देने वाली इस कंपनी के वर्तमान में पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर और बिहार में 20 से अधिक केंद्र हैं. जल्द ही यह असम में अपने सेंटर्स खोलने वाली है.
कौन है सुरक्षा डायग्नोस्टिक के मालिक?
सुरक्षा डायग्नोस्टिक के फाउंडर सोमनाथ चटर्जी और रितु मित्तल हैं. रितु ने इसके अलावा एक और कंपनी की स्थापना की है, जिसका नाम गेट ई कॉम है. वहीं सोमनाथ ने भी प्रिज्म फोर्स नामक दूसरी कंपनी की स्थापना की है. कंपनी के सीईओ की बात करें तो रमन केजरीवाल इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
बोर्ड में कितने हैं सदस्य?
सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स के बोर्ड में 5 एक्टिव मेंबर्स हैं. रितु मित्तल और सोमनाथ चटर्जी करण कनिका वर्मा और किशन कुमार केजरीवाल बोर्ड के इंडीपेंडेंट सदस्य हैं. 24 अगस्त तक सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स में 1,180 कर्मचारी थे.
यह भी पढ़ें: Suraksha Diagnostics IPO: लिस्टिंग से पहले ही सुस्त पड़ा आईपीओ, GMP भी हुआ धड़ाम
क्या करती है कंपनी?
सुरक्षा डायग्नोस्टिक सेंटर जी.ई., शिलर, बेकमैन कॉल्टर, सीमेंस, रोश डायग्नोस्टिक, बायोरैट डी10, वेरिएंट टर्बो, बायोमेरियक्स आदि अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है. इसकी डायग्नोस्टिक सेवाओं में रेडियोलॉजी से लेकर पैथोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, साइटोजेनेटिक्स, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और न्यूरोलॉजी परीक्षण शामिल हैं. इसके अलावा पॉलीक्लिनिक्स भी इसका अहम हिस्सा है. जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों से मरीज़ सीधे परामर्श ले सकते हैं. ज्यादातर सुरक्षा केंद्रों में एक पॉलीक्लिनिक जुड़ा हुआ है.
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