
भारत बंद से देशभर में हलचल, पेंशन और सिक्योरिटी की उठी मांग
आज (9 जुलाई 2025) देशभर में भारत बंद का जोरदार असर देखने को मिल रहा है. 25 करोड़ से ज्यादा मज़दूर बैंकिंग, परिवहन, खनन, डाक और निर्माण क्षेत्रों में शामिल होकर इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने इस हड़ताल का आह्वान किया है, जो मोदी सरकार की कथित “मज़दूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक” नीतियों के खिलाफ है.
भारत बंद की असली वजह क्या है? इस हड़ताल की जड़ में कई मांगें हैं. ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम मासिक वेतन 26,000 रुपये और सार्वभौमिक पेंशन योजना के तहत 9,000 रुपये पेंशन की मांग की है. इसके अलावा, श्रमिकों के लिए सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करने की भी मांग उठ रही है. नए लेबर कोड्स को लेकर गुस्सा है, जिन्हें यूनियनों का कहना है कि ये मज़दूरों के अधिकारों को कमज़ोर करते हैं, काम के घंटों को बढ़ाते हैं और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार को प्रभावित करते हैं.
बिहार बंद और महागठबंधन का समर्थन
बिहार में अलग से “बिहार बंद” का आह्वान हुआ है, जहां महागठबंधन (राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में) मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा है. पटना में ट्रेन ट्रैक जाम और टायर जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. इस आंदोलन में इंडिया गठबंधन का पूरा समर्थन है, जो इसे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे के तौर पर उठा रहा है.
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