भारत को ‘खो देने’ के बयान के बाद, ट्रंप ने मारी पलटी, कहा- ‘दोनों देश के रिश्ते सलामत, मोदी हमेशा रहेंगे दोस्त’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चीन के प्रभाव में जाने की अपनी पिछली टिप्पणी से पलटी मार ली है. उन्होंने अब दावा किया है कि अमेरिका ने भारत को नहीं खोया है और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंध मधुर हैं.
Trump made U-turn: बीते दिनों SCO समिट में पीएम मोदी, प्रेसिडेंट पुतिन और शी जिनपिंग की तस्वीर तेजी से वायरल हुई. इस तस्वीर में तीनों देश के नेता एक साथ कदम मिलाते दिखे और साथ ही कुछ तस्वीरें उनके बीच हंसी-ठिठोली की भी सामने आई. इस तस्वीर ने लोगों के मन में एक सवाल खड़ा किया कि क्या अब देश में अमेरिकी गुटबाजी को पछाड़ नया वर्ल्ड ऑर्डर सेट हो रहा है. इस तस्वीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी ध्यान खिंचा, जिसके बाद शुक्रवार यानी 5 सितंबर को ट्रंप ने सोशल मीडिया ‘Truth social’ पर लिखा कि उसने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है. ट्रंप के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में ये शोर होने लगा कि भारत-अमेरिका के रिश्तों में दरार आने लगी है. ये शोर अभी तूल ही पकड़ता इससे पहले ट्रंप ने अपना बयान पलट दिया है और अमेरिकी रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि उनके रिश्ते पीएम मोदी के साथ अभी बहुत अच्छे हैं.
ट्रंप ने क्या कहा?
शुक्रवार को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में ट्रम्प ने कहा, “मैं नहीं मानता कि हमने भारत को खो दिया है. मैं इस बात से निराश हूं कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है और मैंने उन्हें यह बता दिया है- 50 फीसदी टैरिफ के साथ.” यह बयान उस पोस्ट के कुछ घंटे बाद आया जिसमें ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा था कि अमेरिका ने भारत और रूस को “अंधेरे और गहरे चीन” के हवाले कर दिया है. ट्रंप ने आगे कहा, “मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वे एक बेहतरीन प्रधानमंत्री हैं. हम दोनों इस वक्त बस एक हालात की वजह से एक ‘मोमेंट’ में हैं. भारत और अमेरिका के बीच खास संबंध है और चिंता करने की कोई बात नहीं है.”
ट्रंप के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्रंप के बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है. पीएम ने पोस्ट में लिखा, राष्ट्रपति ट्रम्प की भावनाओं और हमारे रिश्तों के सकारात्मक मूल्यांकन की हम तहे दिल से सराहना करते हैं और उनका पूर्ण समर्थन करते हैं. भारत और अमेरिका के बीच संबंध सकारात्मक है. दोनों देश आगे की सोच रखते हैं और एक वैश्विक साझेदार हैं.
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“भारत खरीदता रहेगा रूसी तेल”
पिछले महीने ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया और इस बात की नाराजगी जताई की भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए. हालांकि भारत भी अपने फैसले पर अड़ा हुआ और विदेश मंत्री एस जयशंकर हो या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सबने मौके-मौके पर अपने बयानों से ये स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने हितों को सबसे ऊपर रखेगा और रूस से तेल रखना जारी रखेंगा.
अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी बेस टैरिफ और रूसी तेल की निरंतर खरीद पर 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाया है. ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी का भारी-भरकम शुल्क भी लगाया, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है.