राफेल में लगे 30Kg के इस डिवाइस से भारत ने पाक-चीन को बनाया मूर्ख, ऑपरेशन सिंदूर जीवन भर रखेंगे याद
भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत से पाकिस्तान को पूरी तरह बेवकूफ बना दिया. इस ऑपरेशन के दौरान IAF ने एक छोटा सा 30 किलो के डिवाइस का डिवाइस इस्तेमाल किया था. इसने पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन्होंने भारत के राफेल विमान को मार गिराया. जबकि असल में यह एक चाल थी. इस डिवाइस का नाम X-गार्ड है. पाकिस्तान के चीनी PL-15E मिसाइल और J-10C फाइटर जेट असली राफेल को नहीं पकड़ सके.

Operation Sindoor: पाकिस्तान और चीन लगातार ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठे दावे कर रहे हैं और दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस ऑपरेशन में भारत के राफेल विमान मार गिराए, लेकिन इन दावों की पोल खुल चुकी है. अमेरिकी पायलट रेयान बोर्डनहाइमर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने बताया कि भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से पाकिस्तान को चकमा दे दिया. भारतीय वायु सेना (IAF) ने राफेल में एक 30 किलो के डिवाइस का इस्तेमाल किया, जो पाकिस्तान के रडार को धोखा देने में कामयाब रहा. आइए विस्तार से जानते हैं कि यह डिवाइस क्या था और यह कैसे काम करता है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बनाया बेवकूफ
बोर्डनहाइमर का दावा है कि भारतीय वायु सेना ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बेवकूफ बना दिया. Defence Chronicle India के हवाले से एक अमेरिकी पायलट रेयान बोर्डनहाइमर ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान IAF ने एक छोटा सा 30 किलोग्राम के डिवाइस का इस्तेमाल किया था. इसने पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन्होंने भारत के राफेल विमान को मार गिराया. जबकि असल में यह एक चाल थी. इस डिवाइस का नाम X-गार्ड है.
X-गार्ड क्या है?
यह राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा बनाया गया एक खास डिवाइस है. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलता है. यह 30 किलोग्राम का उपकरण एक 100 मीटर लंबी फाइबर-ऑप्टिक केबल से विमान के पीछे लटकता है. यह डिवाइस 500 वाट का 360 डिग्री जैमिंग सिग्नल बनाता है, जो दुश्मन के रडार और मिसाइलों को धोखा देता है. यह राफेल विमान की तरह ही रडार सिग्नल और डॉप्लर इफेक्ट बनाता है, जिससे दुश्मन को असली विमान का पता नहीं चलता.

राफेल ने छुड़ाए छक्कें
पाकिस्तान के चीनी PL-15E मिसाइल और J-10C फाइटर जेट असली राफेल को नहीं पकड़ सके. X-गार्ड ने दुश्मन के रडार को गलत जानकारी दी, जिससे उनकी मिसाइलें और KLJ-7A AESA रडार धोखा खा गए. पाकिस्तान को लगा कि उन्होंने राफेल को मार गिराया, लेकिन असल में वे X-गार्ड को निशाना बना रहे थे. X-गार्ड की खासियत यह है कि यह पुराने अमेरिकी सिस्टम्स जैसे AN/ALQ-50 या ADM-160 MALD से ज्यादा तेज और बेहतर है.
इसे दो सेकंड में लॉन्च किया जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल के लिए वापस लिया जा सकता है. यह एक डिकॉय विंगमैन की तरह काम करता है, जो दुश्मन की मिसाइलों को अपनी ओर खींचता है. ताकि असली विमान सेफ रहे. फाइबर-ऑप्टिक केबल के जरिए पायलट को मिसाइल की हरकत और सिस्टम की जानकारी मिलती रहती है और यह जैमिंग से प्रभावित नहीं होता.
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