Entod Pharmaceuticals के दावे अनैतिक और तथ्यहीन, चश्मे से छुटकारा दिलाने का दावा करने वाली कंपनी पर लगे तमाम आरोप
मुंबई की Entod Pharmaceuticals के PresUV प्रोडक्ट को डीजीसीआई एक अधिकारी ने बताया अनैतिक. कंपनी ने कहा था कि इस आई ड्रॉप से लोगों को चश्मे से छुटकारा मिल जाएगा.
कुछ दिनों पहले मार्केट में एक प्रोडक्ट को लेकर चर्चा काफी तेज हो गई थी. मुंबई की एक दवा बनाने वाली कंपनी Entod Pharmaceuticals ने दावा किया था कि उसने PresVU नाम का एक आई ड्रॉप बनाया है जिससे प्रेसबायोपिया (उम्र के साथ होने वाली आंखों की परेशानी) का इलाज किया जा सकेगा. साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि प्रोडक्ट को डीसीजीआई की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है. लेकिन अब उस उत्पाद को लेकर कई तरह के आरोप लग रहे हैं.
क्या लगे आरोप?
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने आंखों को लेकर जो दावा किया है वो अनैतिक हैं साथ ही उनमें तथ्यों को गलत तरह से पेश किया है. आधिकारिक सूत्र ने कहा, “यह अनैतिक और तथ्यों की गलत प्रस्तुति है. साथ ही कंपनी से आधिकारिक स्पष्टीकरण मांगा गया है.”
कंपनी ने क्या किया था दावा?
कंपनी ने अपने उत्पाद के लॉन्च के दौरान दावा किया था, “प्रेसवू, भारत का पहला आई ड्रॉप है जिसे विशेष रूप से प्रेसबायोपिया से प्रभावित व्यक्तियों के लिए बनाया गया है. इससे उस व्यक्ति कुछ पढ़ने के लिए चश्मे पर निर्भर नहीं रहना होगा. आमतौर पर 40 से अधिक उम्र के लोग इससे प्रभावित होते हैं.” कंपनी ने प्रोडक्ट के पेटेंट कराने को लेकर कहा, “प्रेसवू ने इसके निर्माण और प्रक्रिया के संदर्भ में इस प्रोडक्ट के पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है.” कंपनी के सीईओ निखिल के मसुरकर ने कहा, “प्रेसवू वर्षों लंबी रिसर्च और डेवलपमेंट का नतीजा है. डीसीजीआई की यह स्वीकृति भारत में आंखों के बेहतर करने के हमारे मिशन में बड़ा कदम है. प्रेसवू सिर्फ एक प्रोडक्ट ही नहीं है बल्कि यह लाखों लोगों को बेहतर दृश्य प्रदान करने का संकल्प भी है.”
डॉक्टरों की क्या है राय?
इस आई ड्रॉप प्रोडक्ट को लेकर हेल्थ इंडस्ट्री के कई डाक्टरों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. दिल्ली साकेत में स्थित मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर चारू मित्तल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, पिलोकार्पिन आई ड्रॉप का इस्तेमाल पिछले 75 वर्षों से ग्लूकोमा के उपचार के लिए किया जाता है. उसके इस्तेमाल से आपकी पुतलियां संकुचित हो जाएगी जिससे पिनहोल प्रभाव पैदा होगा, उसी की मदद से आपको पढ़ने में मदद मिलती है. यह एक अस्थायी समाधान है. चश्मा सही समाधान है.
शार्प साइट आई हॉस्पिटल के सह संस्थापक डॉ समीर सूद ने भी प्रेसवू को पिलोकार्पिन ही कहा. उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस में समय-समय पर परीक्षण होते रहते हैं. कई बार बहुत प्रभावी प्रोडक्ट आते हैं तो कुछ असुरक्षित भी. यह ड्रॉप आपके निकट दृष्टि को साफ करने का दावा करता है लेकिन इसमें पिलोकार्पिन के अलावा कुछ नहीं है.