वडोदरा पुल अकेला नहीं, 5 साल में गिरे 42 पुल; देखें पूरी लिस्ट, जानें किस राज्य में सबसे ज्यादा
गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाला पुल 9 जुलाई को अचानक महिसागर नदी में ढह गया. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग लापता है. इस हादसे ने एक बार फिर भारत में पुलों की मरम्मत और उनकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं भारत में पुल गिरने की क्या है असली वजह, पिछले 5 सालों में देश के किन राज्यों में पुल गिरा और कितने लोगों की जान गई.
Vadodara Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाला पुल 9 जुलाई की सुबह अचानक महिसागर नदी में ढह गया. यह वही पुल था जिस पर रोजाना हजारों लोग और गाड़ियां सफर करती थीं. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 4 लोग अभी भी लापता हैं. यह हादसा सिर्फ एक स्थानीय पुल दुर्घटना नहीं है, बल्कि भारत में पिछले कुछ सालों से लगातार हो रही पुल दुर्घटनाओं की एक और कड़ी है. भारत में पुलों के गिरने की घटनाओं को लेकर साल 2020 में Structure and Infrastructure Engineering नामक एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल में एक महत्वपूर्ण अध्ययन प्रकाशित हुआ, जिसमें 1977 से 2017 के बीच भारत में हुए पुल हादसों के कारणों और उनकी संख्या का बताई गई है.
ऐसे में चलिए जानते हैं भारत में पुल गिरने की क्या है असली वजह, पिछले 5 सालों में देश के किन राज्यों में पुल गिरा और कितने लोगों की जान गई.
क्या कहती है रिसर्च?
इस रिसर्च के मुताबिक, इन हादसों के पीछे कई वजहें रही हैं लेकिन सबसे बड़ी वजह प्राकृतिक आपदाएं रही हैं. प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, भूकंप और भूस्खलन. इनकी वजह से होने वाले पुल हादसों में इन आपदाओं की संख्या 80.3 फीसदी है. इसके अलावा 10.1 फीसदी मामलों में पुल के बनाने में इस्तेमाल किया गया खराब मैटेरियल जिम्मेदार है और 3.28 फीसदी मामलों में ओवरलोडिंग यानी जरूरत से ज्यादा वजन की वजह से पुल ढहे.
5 सालों में गिरे 42 पुल
भारत सरकार ने अगस्त 2024 में पुल गिरने को लेकर जो जानकारी जारी की थी, उसके मुताबिक 2019 से 2024 के बीच देश में 42 छोटे-बड़े पुल गिर चुके हैं. इनमें कई हादसे जानलेवा साबित हुए हैं और अक्सर ये पुल शहरों और कस्बों के बीच मुख्य संपर्क साधन थे.
देखें 5 सालों में गिरे पुल की राज्यवार लिस्ट
क्रमांक | राज्य | पुल गिरने की संख्या |
---|---|---|
1 | अरुणाचल प्रदेश | 4 |
2 | मणिपुर | 4 |
3 | हिमाचल/हरियाणा | 3 |
4 | आंध्र प्रदेश | 2 |
5 | त्रिपुरा | 2 |
6 | मेघालय | 2 |
7 | ओडिशा | 2 |
8 | गुजरात | 1 |
9 | मध्य प्रदेश | 1 |
10 | महाराष्ट्र | 1 |
11 | जम्मू और कश्मीर | 1 |
12 | सिक्किम | 1 |
13 | उत्तर प्रदेश | 1 |
14 | अंडमान निकोबार | 1 |
हाल के बड़े पुल हादसे
मिजोरम (सैरांग), अगस्त 2023 – एक निर्माणाधीन रेलवे पुल अचानक गिर पड़ा, जिससे 26 मजदूरों की मौत हो गई. यह हादसा सुबह के समय हुआ जब मजदूर साइट पर काम कर रहे थे.
पुणे (कुंडमाला), 15 जून 2025 – इंद्रायणी नदी पर बना एक लोहे का पुल ढह गया. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हुई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए.
असम-मेघालय सीमा, जून 2025 – हरांग नदी पर बना पुल उस वक्त टूट गया जब दो भारी ट्रक उस पर से गुजर रहे थे.
मोरबी (गुजरात), 30 अक्टूबर 2022 – ब्रिटिश कालीन एक सस्पेंशन ब्रिज गिर गया था. इस हादसे में 135 लोगों की जान गई और 56 लोग घायल हुए.
CSMT फुटओवर ब्रिज, मुंबई (14 मार्च 2019) – यह ब्रिज मुंबई के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक के पास था. इसके गिरने से 6 लोगों की मौत हुई और 30 घायल हुए.
वाराणसी फ्लाईओवर हादसा, 15 मई 2018 – निर्माणाधीन पुल का हिस्सा अचानक नीचे आ गिरा, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई.
माझेरहाट ब्रिज, कोलकाता (4 सितंबर 2018) – यह पुल ढहने से 3 लोगों की मौत हुई और 24 घायल हुए.
विवेकानंद रोड फ्लाईओवर, कोलकाता (2016) – यह पुल अभी पूरी तरह बना भी नहीं था कि इसका एक हिस्सा ढह गया. इस हादसे में 27 लोगों की जान गई और 80 से ज्यादा घायल हुए.
दार्जिलिंग लकड़ी का फुटब्रिज (22 अक्टूबर 2011) – त्योहार के दौरान भीड़ का दबाव इतना ज़्यादा था कि पुल टूट गया. 32 लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए.
कमेंग नदी फुटब्रिज, अरुणाचल (29 अक्टूबर 2011) – इस पुराने पुल के टूटने से भी 30 से अधिक लोगों की जान चली गई.
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