विदेश में पढ़ने का सपना होगा आसान, इन स्कॉलरशिप से दूर होगी रहने और फीस की टेंशन; आप कैसे उठा सकते हैं लाभ
भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए कई तरह की स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकते हैं. इनमें हैं नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप (NOS), फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप, फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फेलोशिप, रमन-शार्पक फेलोशिप, डीएसटी-इंस्पायर ओवरसीज स्कॉलरशिप, डॉ. अंबेडकर इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम.
Study Abroad Scholarships: विदेश में पढ़ाई का सपना हर साल लाखों भारतीय छात्र देखते हैं, लेकिन वहां का खर्च इस सपने को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा बन जाती है. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में पढ़ाई करना आसान नहीं है क्योंकि फीस और रहने का खर्च बहुत ज्यादा है. ऐसे में स्कॉलरशिप और फेलोशिप छात्रों के लिए बड़ी मदद साबित होती है. हालांकि सरकार, फॉरेन यूनिवर्सिटी और प्राइवेट इंस्टीट्यूशन कई तरह के स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाते हैं ताकि योग्य और जरूरतमंद छात्र अपनी ग्लोबल एजुकेशन जर्नी शुरू कर सकें. चलिए जानते हैं कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं.
विदेश में पढ़ाई का खर्च
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में पढ़ाई का खर्च सबसे ज्यादा है. यहां छात्रों को हर साल 60 से 80 लाख रुपये तक देने पड़ते हैं. ब्रिटेन में यह खर्च 30 से 40 लाख रुपये, कनाडा में 20 से 25 लाख रुपये और ऑस्ट्रेलिया में 20 से 30 लाख रुपये तक होता है. यही वजह है कि बिना स्कॉलरशिप या किसी आर्थिक मदद के सामान्य परिवारों के लिए यह सपना पूरा करना मुश्किल है.
विदेश मंत्रालय (MEA) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में करीब 7,60,073 भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं. जो बताता है कि भारतीय युवाओं में ग्लोबल एजुकेशन को लेकर उत्साह तेजी से बढ़ रहा है और इसके लिए वे स्कॉलरशिप को बड़ा सहारा मान रहे हैं.
कौन-कौन सी स्कॉलरशिप स्कीम हैं उपलब्ध ?
सरकार और प्राइवेट संस्थान कई तरह की स्कॉलरशिप और फेलोशिप चलाते हैं जो पूरी या कम फीस माफ करती हैं. कुछ प्रमुख स्कॉलरशिप के नाम नीचे दिए गए हैं.
नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप (NOS) – यह योजना अनुसूचित जाति, नोमेडिक और सेमी-नोमेडिक ट्राइब, भूमिहीन कृषि मजदूरों और परंपरागत कारीगरों के लिए है. हर साल 125 छात्रों को मास्टर्स और पीएचडी डिग्री के लिए यह स्कॉलरशिप दी जाती है.
- पात्रता: ग्रेजुएशन में 60 फीसदी मार्क जरूरी है.
- आय सीमा: परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
- आयु सीमा: अधिकतम 35 साल.
- आवेदन: इसके लिए आपको NOS की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा.
फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप – यह अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने वाले भारतीय रिसर्चर्स को दी जाती है. इसमें ट्यूशन फीस, राउंड-ट्रिप हवाई यात्रा और रहने का खर्च शामिल है.
कौन है पात्र : किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री में कम से कम 55 फीसदी मार्क्स और 3 साल का प्रोफेशनल अनुभव.
फुलब्राइट-कलाम क्लाइमेट फेलोशिप – यह क्लाइमेट चेंज रिसर्च करने वाले पीएचडी छात्रों के लिए है. इसमें मासिक वजीफा, बीमा, हवाई यात्रा और रिसर्च अलाउंस मिलता है.
डीएसटी-इंस्पायर ओवरसीज स्कॉलरशिप – विज्ञान और प्रौद्योगिकी (STEM) क्षेत्रों में डॉक्टोरल और पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च करने वाले छात्रों को यह स्कॉलरशिप दी जाती है.
जे.एन. टाटा एंडोमेंट – यह एक लोन स्कॉलरशिप है जो विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है.
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