मसूद अजहर के सेफ जोन पर भारत की एयरस्ट्राइक, जानें बहावलपुर को क्यों चुना हमले का सेंटर?
भारत ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर बड़ी एयरस्ट्राइक की है, लेकिन सवाल ये है कि बहावलपुर भारतीय वायुसेना का टारगेट क्यों बना? इसका मसूद अजहर से क्या कनेक्शन है.

Operation Sindoor: पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया. इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है. इस कार्रवाई के तहत भारत ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के अड्डों को निशाना बनाया. इस हमले में भारत ने पाकिस्तान के 9 ठिकानों को टारगेट किया. इसमें एक ठिकाना अहम है जो बहावलपुर का है. आखिर क्यों बना ये शहर भारतीय वायुसेना का टारगेट? आइए इसे जानते हैं.
बहावलपुर, आतंक का गढ़
यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का यह शहर, जो लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य सेंटर माना जाता है. यहां स्थित ‘जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह’ दरअसल JeM का ही मुख्यालय है. इस परिसर को ‘उस्मान-ओ-अली कैंपस’ भी कहा जाता है और यह पूरे 18 एकड़ में फैला है. यहां पर JeM के आतंकी भर्ती किए जाते हैं साथ ही फंडिंग होती है और आतंक की ट्रेनिंग भी दी जाती है. यही नहीं, मौलाना मसूद अजहर खुद भी बहावलपुर का ही रहने वाला है. यहां वह सेफ कैंपस में रहता है.
इन ठिकानों पर हुआ एयरस्ट्राइक
- बहावलपुर
- मुरिदके
- गुलपुर
- भिंबर
- चाक अमरू
- बाघ
- कोटली
- सियालकोट
- मुजफ्फराबाद
मस्जिद की आड़ में आतंक का अड्डा
‘जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह’ एक मदरसे के रूप में सामने आती है, लेकिन असल में यह JeM का फ्रंट है जिसे ‘अल-रहमत ट्रस्ट’ द्वारा फंड किया जाता रहा है. 2011 तक यह एक साधारण बिल्डिंग थी, लेकिन 2012 तक इसे एक बड़े आतंकी ट्रेनिंग सेंटर में बदल दिया गया. यहां पर आंतक की ट्रेनिंग होता है.
ISI और सेना का सीधा सपोर्ट
यह JeM का मुख्यालय पाकिस्तानी सेना की 31वीं कोर के मुख्यालय के बिल्कुल ही पास है. इतना ही नहीं, आसपास एक खुफिया परमाणु ठिकाने के होने की भी जानकारी मिलती है. इससे साफ होता है कि JeM को ISI और पाकिस्तानी सेना का सीधा संरक्षण मिला हुआ है.
कौन है मसूद अजहर?
मसूद अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर में 1968 में जन्मा एक कुख्यात आतंकी है. इसे 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद अजहर ने 2000 में कराची में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) नाम के आतंकी संगठन की स्थापना की. यह संगठन कट्टरपंथी देवबंदी इस्लामी विचारधारा से प्रेरित है. अजहर का संपर्क अफगानिस्तान में अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन से भी रहा है. JeM के गठन के बाद अजहर ने भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया, जिनमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा और भारतीय संसद पर हमले काफी चर्चित रहे.
कहां से आता है समर्थन?
JeM को न सिर्फ ISI से पैसों और संसाधनों में मदद मिलती है, बल्कि उसे विदेशों में दौरे कराने और प्रचार-प्रसार की भी पूरी आज़ादी दी गई. इसके मुख्य सदस्य पहले से ही हरकत-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े हुए थे. बहावलपुर स्थित मुख्यालय का काम होता है नए आतंकियों की भर्ती, ब्रेनवॉश और फंड जुटाना, जबकि असली हथियार और ट्रेनिंग कैंप पीओके और खैबर पख्तूनख्वा में चलाए जाते हैं.
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