भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के एयरस्पेस से प्लेन गायब, तस्वीरें देख रह जाएंगे भौचक्का
भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का एयरस्पेस लगभग खाली हो गया था, जिसमें सभी एयरलाइनों ने अपना रास्ता बदल लिया था. यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई थी, जिसमें पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.

Pakistan Airspace: पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद लगभग सभी एयरलाइंस ने अपना रास्ता बदल लिया है. पाकिस्तान एक वक्त के लिए तो पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में एक भी प्लेन मौजूद नहीं था. लंबे समय तक पाकिस्तान का एयरस्पेस खाली रहा. नीचे दी गई तस्वीर में भी देखा जा सकता है कि पूरा एयरस्पेस खाली पड़ा है, केवल एक फ्लाइट नजर आ दिखाई देगी जो इंटरनेशल फ्लाइट है. हालांकि अब इक्का-दुक्का फ्लाइट पाकिस्तान के एयरस्पेस से निकल रही हैं.

ये तब हुआ जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK के 9 ठिकानों को निशाना बनाया है. इसमें मुजफ्फराबाद और बहावलपुर जैसे शहर शामिल हैं, जहां स्ट्राइक के बाद जोरदार धमाकों की आवाजें भी सुनी गई थी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फराबाद में बिजली भी चली गई थी.
पाकिस्तान के एयरस्पेस की ये तस्वीर, FlightRadar नाम की वेबसाइट से ली गई है जो फ्लाइट्स को रियल टाइम में ट्रैक करता है. FlightRadar पर ही ये देखा गया कि पाकिस्तान का एयरस्पेस अचानक खाली हो गया था. कई उड़ानों को रास्ता बदलना पड़ा था. लाहौर और सियालकोट एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी डाले, जिसमें बताया गया कि वहां की फ्लाइट्स कैंसल कर दी गई हैं.
इन 9 ठिकानों पर हुई एयर स्ट्राइक
- बहावलपुर: अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर है. यहां जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है.
- मुरीदके: बॉर्डर से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर है. यहां लश्कर-ए-तैयबा का कैंप है.
- गुलपुर: LoC से 35 किलोमीटर दूर, पूंछ-राजौरी इलाके में. इसे 2023 के पूंछ हमले और 2024 की बस पर तीर्थयात्रियों के हमले से जोड़ा गया है.
- सवाई: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 30 किलोमीटर अंदर. इसे सोनमर्ग, गुलमर्ग और हाल ही के पहलगाम हमले से जोड़ा गया है.
- बिलाल कैंप: जैश-ए-मोहम्मद का लॉन्चपैड (जहां से हमलावरों को भेजा जाता है).
- कोटली कैंप: LoC से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर, राजौरी के सामने. लश्कर-ए-तैयबा का बॉम्बर कैंप है.
- बरनाला कैंप: LoC से केवल 10 किलोमीटर दूर, राजौरी के सामने.
- सरजाल कैंप: अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर, सांबा-कठुआ के सामने. ये जैश का एक और कैंप है.
- महमूना कैंप: अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर दूर, सियालकोट के पास. यहां हिजबुल मुजाहिद्दीन का ट्रेनिंग कैंप है.
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