पंजाब लैंड पूलिंग पॉलिसी: हर साल 10 फीसदी बढ़ेगा मुआवजा, प्लॉट नहीं मिलने तक खेती करेंगे किसान
पंजाब की लैंड पूलिंग पॉलिसी में कई बड़े बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों का सबसे ज्यादा फायदा उन किसानों को मिलेगा, जो लैंड पूलिंग के लिए अपनी जमीन सरकार को देंगे. नए बदलावों के तहत अब किसान अपनी जमीन पर तब तक खेती भी कर पाएंगे, जब तक वहां विकास नहीं हो जाता है.

पंजाब सरकार ने अपनी लैंड पूलिंग पॉलिसी को किसानों के लिहाज और बेहतर बना दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब की लैंड पूलिंग पॉलिसी से जुड़े अहम बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि अब किसानों को कब्जा मिलने तक हर एकड़ पर 1 लाख रुपये तक मिलेगा मुआवजा मिलेगा. इसके साथ ही, जब तक उस जमीन पर कोई विकास कार्य नहीं होता है, किसान वहां खेती भी कर पाएंगे.
पंजाब कैबिनेट की अहम बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उनकी सरकार का जोर लैंड पूलिंग पॉलिसी को फार्मर फ्रेंडली बनाने पर है. इसके लिए वे आगे भी जरूरत के मुताबिक इस नीति में बदलाव करते रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार किसानों की तरफ से मिलने वाले सुझावों पर गौर करते हुए आगे भी सुधार के लिए तैयार है. मान ने कहा कि उनकी सरकार का इरादा साफ है कि किसी भी किसान से किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए.
ये अहम बदलाव हुए
पंजाब सरकार की तरफ से लैंड पूलिंग पॉलिसी में सबसे बड़ा बदलाव प्रति एकड़ जमीन पर मिलने वाली मुआवजे की रकम में किया गया है. सीएम मान ने बताया कि पहले किसानों को महज 25 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाता था. लेकिन, अब प्रति एकड़ प्रति वर्ष मुआवजा 1 लाख रुपये प्रति एकड़ होगा. इसके साथ ही बताया कि विकास कार्य शुरू होने से पहले प्रति एकड़ खेती योग्य जमीन पर 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा और इस दौरान किसान उस जमीन पर खेती भी कर सकता है.
कब्जा मिलने तक मुआवजा | ₹1,00,000 प्रति एकड़ |
डेवलपमेंट शुरू होने से पहले | ₹50,000 प्रति एकड़ की खेती योग्य मुआवजा राशि |
हर साल मुआवजा में वृद्धि | 10% वार्षिक बढ़ोतरी |
किस्म का प्लॉट | रेजिडेंशियल, कमर्शियल, SCO और बूथ |
किसान की सहमति जरूरी | सरकार को ज़मीन देने का निर्णय पूरी तरह किसान के हाथ में |
ज़मीन के बदले | डेवेलप की गई प्लॉट्स की अदला-बदली (No Cash) |
क्या बोले सीएम मान?
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने लैंड पूलिंग योजना की जानकारी देते हुए कहा कि विपक्ष की तरफ से इस पॉलिसी को लेकर जानबूझकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि सच्चाई यह है कि इस योजना में किसान पूरी तरह स्वतंत्र हैं. वे चाहें तो सरकार को जमीन दें या फिर अपने पास रखें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग का नोटिफिकेशन किसी भी इलाके में रजिस्ट्रियों पर रोक नहीं लगाता, जिससे अफवाहों का खंडन हो गया.
बिल्डरों की मनमानी रुकेगी
सीएम मान ने बताया कि पंजाब में 30,000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं. इसके अलावा बिल्डरों की मानमानी से गलत तरीकों से कॉलोनियां बस रहीं हैं. लेकिन, लैंड पूलिंग पॉलिसी के लागू होने से ऐसे मामलों में भारी कमी आएगी और नियोजित विकास को गति मिलेगी.
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