चलती ट्रेन से भी होगा दुश्मनों पर अटैक, रेल बेस्ड अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें खासियत
देश में रेल पर मोबाइल सिस्टम के जरिए अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ है. इसे कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम से लॉन्च किया गया. इसके लिए ट्रेन को खास तौर से डिजाइन किया गया. इसकी जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने सोशल मीडिया X पर पोस्ट के जरिए दी. ऐसे में आइए जानते हैं, क्या है इस मिसाइल की खासियत.

भारत ने रेल पर बने मोबाइल लॉन्चर सिस्टम के जरिए अग्नि-प्राइम मिसाइल की टेस्टिंग की है. यह कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम से लॉन्च की गई. इसके लिए ट्रेन को विशेष रूप से डिजाइन किया गया. खास बात यह है कि यह ट्रेन देश के हर उस कोने तक जा सकती है, जहां रेल लाइन मौजूद है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट X के जरिए दी. अग्नि-प्राइम मिसाइल का टेस्ट ओडिशा के चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया. इस टेस्ट ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने वाला कैनिस्टराइज्ड लॉन्चिंग सिस्टम है. रक्षा मंत्री ने मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, सामरिक बल कमान (एसएफसी) और सशस्त्र बलों को बधाई.
भारत से पहले रूस, नॉर्थ कोरिया और चीन रेल लॉन्चर का टेस्ट कर चुके हैं. हालांकि इसे लिस्ट में अमेरिका भी शामिल है, लेकिन उसने पुष्टि कभी नहीं दी है. अग्नि-प्राइम मिसाइल 2000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है, जो एडवांस्ड फीचर से लैस है. ऐसे में आइए जानते हैं, क्या है इसकी खासियत.
अग्नि-पी मिसाइल की खासियतें
- यह मिसाइल रिंग लेजर जाइरो आधारित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) और माइक्रो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (MINS) का इस्तेमाल करती है. यानी कि ये दोनों सिस्टम मिसाइल को आंख और कान की तरह गाइड करते हैं. मिसाइल को पता चलता रहता है कि वह कहां है, कितनी तेज जा रही है और किस दिशा में बढ़ रही है. इससे मिसाइल बिना रास्ता भटके हुए अपने टारगेट तक पहुंच पाती है और GPS न मिलने पर भी यह बेहद सटीक रहती है.
- इसमें ऑप्शनल रूप से GPS और NaVIC सैटेलाइट नेविगेशन का भी उपयोग किया जा सकता है.
- इसका कैनिस्टराइज्ड डिजाइन इसे ले जाने और स्टोर करने में आसान बनाता है.
- इससे लॉन्च की तैयारी में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है.
- अग्नि-प्राइम की रेंज 2000 किमी है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है.
क्या होता है कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम
यह मिसाइल लॉन्च करने की एक मॉडर्न टेक्निक है. इसमें मिसाइल को एक मजबूत कैनिस्टर में रखा जाता है. यह कैनिस्टर मिसाइल को सुरक्षित रखता है और आसानी से इधर-उधर ले जाने और लॉन्च के लिए तैयार रखता है. कैनिस्टर से मिसाइल को बिना लंबी तैयारी के सीधे दागा जा सकता है. कैनिस्टर में पैक रहने से मिसाइल के बार-बार मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की मिसाइल वजन में हल्की है और इसे मोबाइल लॉन्चर से भी फायर किया जा सकता है.
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