कहीं ज्यादा बारिश से जा रही लोगों की जान, तो कहीं सूखे का कहर; क्या है मौसम विभाग का अनुमान?
इस साल भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी जिससे कई लोगों की मौत हो गई वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से लोग सूखे की चपेट में आ गए हैं.
इस साल भारत के कई राज्यों एवं क्षेत्रों में भारी बारिश देखी गई है. कई जगहों पर ज्यादा बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी और जान-माल की भारी क्षति की खबरें भी सामने आईं. बारिश से भीगी जमीन के चित्र के सामने ही देश का एक दूसरा चेहरा भी दिखा जहां बारिश नहीं होने के कारण जमीन में दरारें दिखने लगी. देश में मानसून भले ही सामान्य से 8 फीसदी ज्यादा हुआ है लेकिन उसके बावजूद 11 फीसदी हिस्सा अब भी सूखे से परेशान है.
एक ओर जहां भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति बनी जिससे कई लोगों की मौत हो गई वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कुछ क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से लोग सूखे की चपेट में आ गए हैं.
कहीं कम तो कहीं ज्यादा हुई बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात के 41 फीसदी जिलों में साधारण बारिश हुई है वहीं 26 फीसदी जिलों में कम तथा काफी कम बारिश देखी गई. अधिक बारिश वाले क्षेत्रों की बात करें तो तकरीबन 24 फीसदी जिलों में ज्यादा बारिश हुई वहीं 9 फीसदी जिलों में हुई बारिश का कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.
आईएमडी का अनुमान है कि भारत में पिछले 50 सालों की औसत से 109 फीसदी अधिक बारिश हो सकती है. वहीं, आईएमडी ने भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की अनुमान लगाई है. जबकि उत्तरी भारत सहित पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में सामान्य से काफी कम बारिश होने की संभावना जताई गई है.
खरीफ फसलों को हो रहा नुकसान
आईएमडी के डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुए असमान बारिश से खरीफ फसलों को काफी नुकसान हो गया है. डाटा के अनुसार, उत्तर प्रदेश में आधिकारिक तौर पर मानसून खत्म हो चुका है. लेकिन पर्याप्त रूप से बारिश नहीं होने के कारण राज्य के कई जिलों में लगे खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं. खरीफ फसलों के पैदावार को लेकर किसान काफी चिंतित हैं. तकरीबन राज्य के आधे हिस्से में जून के महीने से हो रही बारिश कथित तौर पर पर्याप्त नहीं थी. प्रदेश के 75 जिलों में से 37 जिले में कम बारिश हुई वहीं 7 ऐसे जिले भी थे जहां पर ज्यादा बारिश देखी गई. बाकी के बचे 31 जिलों में सामान्य बारिश हुई.