POK में ‘वॉटर इमरजेंसी, लोगों का पलायन; भारत ने रातों रात कर दिया बड़ा प्रहार !
भारत द्वारा अचानक झेलम नदी में पानी छोड़ने से पाकिस्तान पीओके में हड़कंप मच गया. स्थानीय अधिकारियों का दावा है कि भारत ने शनिवार को उरी बांध से बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ा. इससे पीओके के हटियन बाला जिले में जल संकट पैदा हो गया. नदी किनारे रहने वाले लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे है.

India’s sudden release Jhelum water: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में भारत सरकार आतंकवाद पर प्रहार करने और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है. इसी कड़ी में पाक द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि भारत द्वारा अचानक झेलम नदी में पानी छोड़ने से पीओके में हड़कंप मच गया है. टीओआई के रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय अधिकारियों का दावा है कि भारत ने शनिवार को उरी बांध से बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ा. इससे पीओके के हटियन बाला जिले में जल संकट पैदा हो गया. नदी किनारे रहने वाले लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे है.
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव
इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों और सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का उल्लंघन बताया. भारत ने 23 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस संधि को निलंबित कर दिया था. पीओके के मुजफ्फराबाद और चकोटी में अधिकारियों ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने की चेतावनी दी.
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पाकिस्तान ने “जल आतंकवाद” का लगाया आरोप
मुजफ्फराबाद के एक अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा झेलम नदी में सामान्य से अधिक पानी छोड़े जाने से कोहाला और धूलकोट के निचले इलाकों में मध्यम स्तर की बाढ़ आई है. कुछ इलाकों में मवेशियों के नुकसान और फसलों को क्षति की खबरें भी हैं. पीओके सरकार ने भारत पर “जल आतंकवाद” का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बिना सूचना के पानी छोड़ना 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन है. यह दोनों देशों को नदी के पानी के इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करती है.
बचाव दल किए तैनात
हटियन बाला प्रशासन ने अस्थायी टेन्ट बनाए हैं और बचाव दल तैनात किए हैं. लोगों से नदी किनारे न जाने, मछली पकड़ने या मवेशी चराने से बचने की अपील की गई है. भारत की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कुछ भारतीय मीडिया का दावा है कि भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर में बांध से पानी छोड़ना एक सामान्य प्रक्रिया थी. फिर भी, पीओके में लोग डर का माहौल हैं.
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