क्या है टेरिटोरियल आर्मी, जिसे पाक के खिलाफ किया गया एक्टिव, जानें कैसे दुश्मन को देती है मात
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच केंद्र सरकार ने टेरिटोरियल आर्मी (TA) को सक्रिय करने का बड़ा फैसला लिया है. सेना प्रमुख को TA के हर अधिकारी और सैनिक को जब चाहे बुलाने का अधिकार दे दिया गया है, जिससे ये रेगुलर आर्मी के साथ मिलकर सुरक्षा मोर्चे पर उतर सकें. विस्तार में जानें कि किया है टेरिटोरियल आर्मी और पाकिस्तान के लिए ये कैसे है खतरनाक.

What is Territorial Army: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने सेना प्रमुख उप्रेंद्र द्विवेदी को यह अधिकार दे दिया है कि वे टेरिटोरियल आर्मी (TA) के हर अधिकारी और सैनिक को जब चाहे सक्रिय कर सकते हैं. इससे वह रेगुलर आर्मी के साथ मिलकर जरूरी सुरक्षा कार्यों में अपनी मदद दे सकेंगे. यह आदेश ऐसे समय पर आया है जब 8-9 मई की रात भारत ने जम्मू-कश्मीर के LoC और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमलों को नाकाम किया.
इससे एक दिन पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. यह जवाब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ के तौर पर दिया गया. अब सवाल है कि जिस टेरिटोरियल आर्मी को अधिकार देने की बात कही है आखिर वह है क्या. भारत के लिए वह कितना अहम और पाकिस्तान के लिए ये आर्मी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है.
टेरिटोरियल आर्मी: पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा क्यों?
टेरिटोरियल आर्मी (TA) भारत की एक विशेष सैन्य इकाई है जो सामान्य नागरिकों से बनी होती है. ये आम नौकरी के साथ साथ सेना की ट्रेनिंग लेते हैं. लेकिन जब जरूरत की घड़ी आती है तब ये पूरी तरह से नियमित सेना की तरह काम करती है. इसकी स्थापना 9 अक्टूबर 1949 को हुई थी और वर्ष 2024 में उसने 75 वर्ष पूरे किए. TA ने अब तक युद्ध, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण कार्यों में अहम भूमिका निभाई है.
यह सेना की रेगुलर यूनिट्स के साथ पूरी तरह साथ होती है. कई जवानों को बहादुरी और उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित भी किया गया है. सरकार के आदेश के अनुसार, मौजूदा 32 इंफेंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को तैनात किया जाएगा. इसमें तकरीबन 14000 से अधिक सैनिकों को देश के विभिन्न कमांड क्षेत्रों— सदर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, सेंट्रल, नॉर्दर्न, साउथ वेस्टर्न, अंडमान-निकोबार और आर्मी ट्रेनिंग कमांड में तैनात किया जाएगा. टेरिटोरियल आर्मी (TA) की शुरुआत कई प्रकार की यूनिट्स के साथ हुई थी जैसे – इन्फेंट्री बटालियन (TA), एयर डिफेंस (TA), मेडिकल रेजिमेंट (TA), इंजीनियर फील्ड पार्क कंपनी (TA), सिग्नल रेजिमेंट (TA).
पिछले युद्धों में भी लिया था हिस्सा
लेकिन 1972 तक इन यूनिट्स को या तो बंद कर दिया गया या फिर नियमित सेना (Regular Army) में शामिल कर लिया गया. केवल इन्फेंट्री बटालियन (TA) को ही बनाए रखा गया. TA की यूनिट्स ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया है.
‘टेरीयर्स’ (TA के सैनिकों का नाम) ने श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक और पूर्वोत्तर भारत में ऑपरेशन राइनो और ऑपरेशन बजरंग में भी भाग लिया था.
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राष्ट्रीय सुरक्षा की समीक्षा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की. यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें नाकाम की गई. सरकार की ओर से टेरिटोरियल आर्मी को एक्टिव करने का फैसला यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी युद्ध की स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है. TA की तैनाती पाकिस्तान के लिए एक नया रणनीतिक दबाव बन सकती है.
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