बढ़ रहा पॉल्यूशन, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ही नहीं OPD कवर लेना भी है जरूरी
Air Pollution की वजह से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए नियमित जांच की जरूरत होती है, ऐसे में इसके खर्चों से बचने के लिए ओपीडी कवर काफी महत्वपूर्ण है.

सिद्धार्थ सिंघल: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही पूरे उत्तर भारत के शहरों को प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ता है, खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा में वायु प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, जिससे लोगों को सांस से जुड़ी परेशानियों जैसे अस्थमा और आंखों में जलन आदि परेशानियों से जुझना पड़ता है.
इन स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों से बचाव के लिए नियमित जांच और गंभीर बीमारी की स्थिति में तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, जो व्यक्ति की वित्तीय स्थिति को काफी प्रभावित कर सकती है. इन जोखिमों से खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस उत्तम विकल्प है.
प्रदूषण के समय हृदय और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां आम हो सकती हैं, जिसके लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंंश्योरेंस पॉलिसी फायदेमंद होती है जो इन बीमारियों के लिए व्यापक कवरेज देती हैं. हेल्थ इंश्योरेंस के अंतर्गत प्रदूषण के कारण होने वाली सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों जैसे अस्थमा या सीओपीडी अटैक आदि के इलाज के लिए इमरजेंसी के दौरान अस्पताल में भर्ती और आईसीयू देखभाल शामिल है.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत क्या कवर होता है?
प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले या सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए, एक व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सबसे उपयुक्त विकल्प है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी पुरानी सांस संबंधी बीमारियों को कवर करने वाली पॉलिसी व्यापक रूप से उपलब्ध हैं और अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू देखभाल और श्वसन संबंधी समस्याओं से जुड़ी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कवरेज प्रदान करती हैं.
इसके अतिरिक्त, कुछ स्वास्थ्य बीमाकर्ता रेगुलर कंसलटेशन, डायग्नोस्टिक टेस्ट और दवाओं को कवर करने के लिए ऐड-ऑन के रूप में ओपीडी राइडर्स चुनने का विकल्प भी प्रदान करते है. चूंकि प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए नियमित जांच की आवश्यकता होती है, ऐसे में नियमित जांच के अनावश्यक वित्तीय खर्चों से बचने के लिए ओपीडी कवर काफी महत्वपूर्ण है.
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ओपीडी कवरेज क्यों है फायदेमंद?
स्टेंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत आम तौर पर अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करता है. प्रदूषण के उच्च स्तर से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है. हालांकि, अगर कोई व्यक्ती किसी ऐसे शहर में रहता है जहां नियमित रूप से जहरीली हवा का प्रकोप रहता है, और व्यक्ति को सांस या आंखों से जड़ी मुश्किलों का सामना करन पड़ रहा है तो उसे हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ ओपीडी कवरेज भी लेने की सलाह दी जाती है.
ऐसा इसलिए है क्योंकि वायु प्रदूषण कुछ अल्पकालिक स्वास्थ्य परेशानियों को जन्म दे सकती है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता तो नहीं पड़ती, लेकिन नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह और मेडिकल टेस्ट सहित चिकित्सीय ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है. ओपीडी कवरेज होने से आप आंखों की समस्याओं, सर्दी और खांसी, सांस की समस्याओं, त्वचा की एलर्जी आदि के कारण होने वाले जेब खर्च से बच जाते हैं.
लेखक सिद्धार्थ सिंघल पॉलिसी बाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रमुख हैं, यहां व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.
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