Meesho के बाद Snapdeal की पैरेंट कंपनी ला रही है IPO, 300 करोड़ का इश्यू; जानें क्या है माली हालत?

ई-कॉमर्स सेक्टर की एक पुरानी खिलाड़ी कंपनी ने सार्वजनिक निर्गम की तैयारी तेज कर दी है. एक तरफ प्रमुख निवेशक हिस्सेदारी बेच रहे हैं, तो दूसरी तरफ कंपनी तकनीकी विस्तार, मार्केटिंग और अधिग्रहण की ओर कदम बढ़ा रही है. बाजार अब इसकी लिस्टिंग रणनीति और प्रदर्शन पर नजरें टिकाए हुए है.

AceVector IPO Image Credit: Money9 LIVE

ई-कॉमर्स कंपनी Snapdeal की पैरेंट कंपनी AceVector ने सेबी के पास अपना अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) दाखिल कर दिया है. इससे साफ है कि कंपनी अब अपने पब्लिक लिस्टिंग को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है और कैपिटल जुटाने की दिशा में सक्रिय है.

कितना पैसा जुटाएगी कंपनी?

दस्तावेज के मुताबिक, AceVector इस आईपीओ के जरिए ताजा इश्यू से 300 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है. साथ ही 6.38 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत होगी, जिसमें SoftBank और Nexus Venture Partners जैसे शुरुआती निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. खास बात यह है कि सहयोगी संस्थापक कुणाल बहल और रोहित बंसल अपनी पूरी हिस्सेदारी बनाए रखेंगे.

AceVector ने बताया कि जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन और मार्केटिंग, Snapdeal मार्केटप्लेस के तकनीकी ढांचे को मजबूत करने और अधिग्रहण के ज़रिए विस्तार के लिए किया जाएगा. साथ ही आम कॉरपोरेट जरूरतों में भी फंड लगाया जाएगा.

सेबी की मंजूरी और कॉन्फिडेंशियल रूट

कंपनी ने जुलाई 2025 में सेबी के पास कॉन्फिडेंशियल रूट के तहत ड्राफ्ट दस्तावेज जमा किए थे और 17 नवंबर को उसे सेबी की मंजूरी मिल गई. यह रूट कंपनियों को इश्यू साइज तय करने में लचीलापन देता है और आवश्यकतानुसार 50 फीसदी तक शेयर संख्या बदली जा सकती है.

AceVector सिर्फ Snapdeal ही नहीं, बल्कि ई-कॉमर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म Unicommerce में 28 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखती है और Stellaro Brands की भी मालिक है.

वित्तीय प्रदर्शन कैसा रहा?

30 सितंबर 2025 को समाप्त छह महीनों में कंपनी की परिचालन आय 244 करोड़ रुपये रही और 22 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया गया. वहीं मार्च 2025 को समाप्त पूरे वित्त वर्ष में आय 395 करोड़ रुपये रही और घाटा 126 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

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बाजार में लिस्टिंग का ट्रेंड जारी

AceVector का कदम ऐसे समय में आया है जब कई New Age कंपनियों, जैसे Urban Company, Lenskart, Groww, Ather Energy, Bluestone और Pine Labs ने अपने निवेशकों के लिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी अनलॉक कर दी है. Meeesho जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी निवेशकों के बीच खुब चर्चा में रहे. Snapdeal की पैरेंट AceVector की लिस्टिंग भी इसी ट्रेंड को आगे बढ़ा सकती है.

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