1 सितंबर को खुलेगा दवा बनाने वाली कंपनी का IPO, दांव लगाने से पहले जान लें कंपनी की हैसियत, GMP भी भागा
फार्मास्युटिकल क्षेत्र की उभरती हुई कंपनी, Amanta Healthcare का IPO जल्द ही बाजार में दस्तक देने वाला है. इसमें सिर्फ फ्रेश इश्यू है. कंपनी एक लाख शेयर बाजार में बेच रही है. इसके बदले बाजार से 126 करोड़ जुटाएगी. मजबूत जीएमपी और विकास की संभावना को देखते हुए, यह आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक रिटर्न का एक द्वार बन सकता है. अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर.
Amanta Healthcare IPO: फार्मास्युटिकल सेक्टर की एक उभरती हुई कंपनी, Amanta Healthcare, जल्द ही इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के माध्यम से बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है. कंपनी का IPO एक सितंबर 2025 से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने जा रहा है और यह 3 सितंबर 2025 को बंद हो जाएगा. वे निवेशक जो फार्मास्युटिकल सेक्टर की कंपनी के IPO में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है. आईपीओ का जीएमपी भी दमदार रिटर्न की ओर इशारा कर रहा है. Amanta Healthcare की स्थापना 1994 गुजरात में हुई थी.
Amanta Healthcare IPO डिटेल्स
कंपनी इसके जरिए बाजार से 126 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसके अधिकांश हिस्से का इस्तेमाल कारोबार को बढ़ाने के लिए किया जाएगा. 119 शेयरों का एक लॉट बनाया गया है. इसलिए रिटेल निवेशकों को कम से कम 14,994 रुपये निवेश करने होंगे. अमान्ता हेल्थकेयर का यह IPO पूरी तरह से फ्रेश इश्यू है, जिसमें 1,00,00,000 शेयर जारी किए जाएंगे.
डिटेल्स | जानकारी |
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आईपीओ तिथि | 1 सितंबर 2025 से 3 सितंबर 2025 तक |
फेस वैल्यू | ₹10 प्रति शेयर |
इश्यू प्राइस बैंड | ₹120 से ₹126 प्रति शेयर |
लॉट साइज | 119 शेयर |
कुल इश्यू आकार | 1,00,00,000 शेयर (₹126 करोड़ तक) |
कहां होगी लिस्टिंग | BSE, NSE |
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Amanta Healthcare IPO: GMP
27 अगस्त की सुबह 6 बजकर 28 मिनट पर इसका जीएमपी फ्लैट 22 रुपये था, जो 17.46 फीसदी प्रीमियम की ओर संकेत कर रहा है. 25 अगस्त को इसका जीएमपी 20 रुपये था. हालांकि इसमें बदलाव संभव है.
किसके लिए कितना है रिजर्व?
निवेशक कैटेगरी | शेयरों का प्रतिशत (%) |
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क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) | 50% |
रिटेल निवेशक | 35% |
गैर-संस्थागत निवेशक (NII) | 15% |
कंपनी की ताकत?
- screener के अनुसार, कंपनी ने 5 साल में 20.6 फीसदी की शानदार प्रॉफिट ग्रोथ हासिल की है (CAGR) – इसका मतलब है कि कंपनी का मुनाफा पिछले पांच सालों में हर साल औसतन 20.6 फीसदी की दर से बढ़ा है. यानी, कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है और उसकी कमाई लगातार बढ़ रही है.
- कंपनी की वर्किंग कैपिटल की जरूरत 24.7 दिन से घटकर 16.1 दिन हो गई है- पहले कंपनी को अपने रोजमर्रा के काम (जैसे सामान खरीदना, बिल चुकाना) के लिए 24.7 दिनों तक पैसे की जरूरत थी, लेकिन अब यह घटकर 16.1 दिन हो गया है.
कंपनी की कमजोरी?
- कंपनी का इंटरेस्ट कवरेज रेशियो कम है– इसका मतलब है कि कंपनी को अपने कर्ज के ब्याज का भुगतान करने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि उसकी कमाई ब्याज चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं है. यह कंपनी के लिए वित्तीय जोखिम का संकेत है.
- कंपनी की बिक्री वृद्धि पिछले 5 सालों में केवल 8.30% रही है – कंपनी की बिक्री में पिछले पांच सालों में बहुत कम बढ़ोतरी हुई है, जो कि औसतन हर साल 8.30 फीसदी है. यह दर्शाता है कि कंपनी का कारोबार उतनी तेजी से नहीं बढ़ रहा, जितना चाहिए.
- कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न (ROE) पिछले 3 सालों में केवल 6.21% रहा है: इसका मतलब है कि कंपनी अपने शेयरधारकों के निवेश पर ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पा रही है. 6.21 फीसदी का ROE कम है, जो यह बताता है कि कंपनी निवेशकों के पैसे का उपयोग प्रभावी ढंग से नहीं कर पा रही.
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