₹20000 करोड़ की हेल्थकेयर सुनामी! मणिपाल से Indira IVF तक… 2026 में आ रही है IPO की सबसे बड़ी आंधी!

अगले साल हेल्थकेयर, हॉस्पिटल, IVF और मेडिकल सर्विस चेनें IPO बाजार में बड़ा रंग दिखा सकती हैं. मजबूत मांग, आकर्षक कीमतें और तेजी से विस्तार की योजनाएं इस सेक्टर को निवेशकों के लिए और कंपनियों के लिए बेहद आकर्षक बना रही हैं.

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Healthcare IPO: भारत के प्राइमरी मार्केट में अगले साल हेल्थकेयर सेक्टर की जोरदार लिस्टिंग देखने को मिल सकती है. निवेश बैंकरों के मुताबिक करीब ₹20,000 करोड़ के IPO मार्केट में आने की तैयारी में हैं. इसमें बड़े हॉस्पिटल ग्रुप और तेजी से बढ़ रही IVF चेनें शामिल हैं. मजबूत बिजनेस ग्रोथ और बेहतर वैल्यूएशन की वजह से कंपनियां IPO लाने में तेजी दिखा रही हैं.

बड़े हॉस्पिटल ग्रुप की IPO लाइनअप

देश की दूसरी सबसे बड़ी हॉस्पिटल चेन मणिपाल हॉस्पिटल्स लगभग ₹8,500–9,000 करोड़ का IPO लाने की तैयारी में है. यह 2026 के सबसे बड़े हेल्थकेयर इश्यू में से एक होगा. दक्षिण भारत की कावेरी हॉस्पिटल भी अपने विस्तार के लिए ₹1,500 करोड़ से ज्यादा जुटाना चाहती है. इसके अलावा, एशिया हेल्थकेयर होल्डिंग्स भी बाजार में दस्तक देने की तैयारी में है. इसी तरह, पारस हॉस्पिटल्स, जिसने 2024 में फाइलिंग की थी, अपने डॉक्यूमेंट दोबारा दाखिल कर सकता है. हैदराबाद की यशोदा हॉस्पिटल ने करीब ₹4,000 करोड़ का गोपनीय (confidential) फाइलिंग किया है. इन सभी को मिलाकर हेल्थकेयर सेक्टर में IPO की बड़ी बाढ़ आने वाली है.

IVF चेन भी जुटाने जा रही हैं बड़ा फंड

तेजी से बढ़ रही IVF कंपनियां भी बाजार में उतरने को तैयार हैं. इंदिरा IVF ने जुलाई 2025 में गोपनीय रूप से दोबारा फाइल किया है. इसका इश्यू लगभग ₹3,500 करोड़ का माना जा रहा है. बेंगलुरु की क्लाउडनाइन भी ₹1,000 करोड़ से ज्यादा की रकम जुटाने की योजना बना रही है.

क्यों बढ़ रहा है हेल्थकेयर सेक्टर की ओर रुझान?

निवेश बैंकरों का कहना है कि आज हॉस्पिटल चेन लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं-

इसके अलावा, पब्लिक मार्केट का वैल्यूएशन प्राइवेट मार्केट से ज्यादा होने के कारण कंपनियां IPO से फायदा उठाना चाहती हैं. कई प्रमोटर कर्ज कम करने, नए बेड जोड़ने और विस्तार के लिए ताजा पूंजी ला रहे हैं, जबकि प्राइवेट इक्विटी फंड आंशिक निकास (partial exit) चाहते हैं.

भारत का हेल्थकेयर अभी भी पीछे

भारत अब भी हेल्थकेयर के मामले में कई देशों से पीछे है-

मेडिकल टूरिज्म और IVF में जबरदस्त उछाल

भारत मेडिकल टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. 5 साल पहले जहां यह इंडस्ट्री $6 बिलियन की थी, वहीं अगले साल इसके दोगुना होने की उम्मीद है. भारत में सर्जरी की कीमतें अमेरिका की तुलना में 10 गुना तक सस्ती हैं. उदाहरण के लिए-

IVF की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. देश में 15% दंपतियों में बांझपन की समस्या है, लेकिन अभी केवल 25% बाजार ही IVF सेवाओं का उपयोग करता है. इसलिए कंपनियों के लिए विकास की बड़ी गुंजाइश है.

डेटा सोर्स: ET, NSE

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