IPO Alert : 3,500 करोड़ का पब्लिक इश्यू लाने की तैयारी में इंदिरा आईवीएफ, प्रमोटर्स बेचेंगे हिस्सेदारी
फर्टिलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी Indira IVF IPO लाने की तैयारी में है. राजस्थान के उदयपुर से एक क्लिनिक से शुरू हुई इस कंपनी की कामयाबी की कहानी चौंकाने वाली है. फिलहाल, कंपनी ने 3,500 करोड़ के पब्लिक इश्यू के लिए सेबी को दस्तावेज सौंपे हैं.
Indira IVF IPO लाने की तैयारी में है. स्विस इन्वेस्टमेंट समूह EQT ने कुछ ही दिन पहले इंदिरा आईवीएफ में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदा है. पिछले वर्ष नवंबर से ही इस बात की चर्चा जारी है कि कंपनी आईपीओ लाने वाली है. राजस्थान के उदयपुर से महज एक क्लिनिक से शुरू हुई यह कंपनी आज देश में फर्टिलिटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है. EQT की तरफ से इंदिरा आईवीएफ के 3,500 करोड़ के आईपीओ के लिए कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट का इस्तेमाल किया गया है.
पिछले एक वर्ष के भीतर इंदिरा आईवीएफ छठवीं कंपनी है, जिसने कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिये बाजार नियामक सेबी को आईपीओ के लिए दस्तावेज सौंपे हैं. इंदिरा आईवीएफ से पहले टाटा प्ले, ओयो, स्विगी, विशाल मेगामार्ट, और क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज ने इस रूट का इस्तेमाल किया है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के आईपीओ से जुड़े सूत्रों ने आईपीओ आवेदन की पुष्टि की है.
इंदिरा आईवीएफ का अधिग्रहण किसने किया
इंदिरा आईपीअएफ का अधिग्रहण स्विस इन्वेस्टमेंट समूह BPEA EQT ने जुलाई 2023 में किया. 1.1 अरब डॉलर के वैल्युएशन पर कंपनी की 60 फीसदी हिस्सेदारी को 60 करोड़ डॉलर में खरीदा गया. इस लिहाज से देखा जाए, तो कंपनी का मौजूदा वैल्युएशन करीब 9,500 करोड़ रुपये है. EQT ने इंदिरा आईवीएफ का अधिग्रहण टीए एसोसिएट्स और इसकी कंपनी के संस्थापकों से हिस्सेदारी खरीदकर किया है. कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने के करीब 18 महीने बाद अब स्वीडिश कंपनी इंदिरा आईवीएफ के आईपीओ के जरिये 3,500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.
ओएफएस आधारित होगा IPO
रिपोर्ट में कई सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि कंपनी का यह IPO पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत रखा गया है. इसमें से EQT की तरफ से अपने हिस्से के शेयर बेचकर 2,900 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. वहीं, फाउंडर और प्रमोटर्स की तरफ से 600 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाने हैं.
कौन करेगा इश्यू मैनेज
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो व्यक्तियों ने इसकी पुष्टि की है. इनमें से एक ने कहा कि कोटक महिंद्रा कैपिटल, नोमुरा, आईआईएफएल कैपिटल, जेपी मॉर्गन और यूबीएस इस इश्यू को मैनेज करेंगे.
क्या है कॉन्फिडेंशियल फाइलिंग
बाजार नियामक सेबी ने नवंबर 2022 में यह व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत मेनबोर्ड पब्लिक इश्यूज के लिए होने वाली प्री-फाइलिंग को गोपनीय रखा जा सकता है. इससे कंपनियों को अपने प्रतिद्वंदियों से सुरक्षा मिलती है. मोटे तौर पर इस रूट से फाइलिंग करने पर पब्लिक इश्यू लाने वाली कंपनी को इश्यू के आखिर पड़ाव तक पहुंचने तक अपने वित्तीय और व्यावसायिक डाटा को गोपनीय बनाए रखने की सुविधा मिलती है.
एक क्लिनिक से हुई शुरुआत
1988 में डॉ. अजय मुर्डिया ने राजस्थान के उदयपुर एक क्लिनिक से इंदिरा आईवीएफ की शुरुआत की थी. 2015 में यह एक कॉर्पोरेट कंपनी बनी. कंपनी का दावा है कि देशभर में 150 सेंटर्स के जरिये अब तक 1.60 लाख कपल को फर्टिलिटी उपचार दिया गया है.