7 अक्टूबर को खुल रहा LG Electronics India IPO, पैसा लगाने का कर रहे हैं प्लान तो पहले देख लें रिस्क फैक्टर

भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़ा नाम कदम रखने जा रहा है. घरेलू उपकरणों और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से जुड़ी यह कंपनी दशकों से भारतीय परिवारों का भरोसेमंद ब्रांड रही है. अब इसका आईपीओ निवेशकों के लिए नया उत्साह लेकर आया है. लेकिन सवाल है, क्या यह वाकई फायदे का सौदा साबित होगा?

LG electronics India IPO Image Credit: Money9 Live

भारत का IPO बाजार इस साल लगातार सुर्खियों में है. जनवरी से सितंबर 2025 के बीच कंपनियों ने मिलकर करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये का फंड जुटाया है. इसी दौरान कई बड़े IPO चर्चा में रहे और अब सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित कर रहा है LG Electronics India का आईपीओ. घरेलू डिवाइसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाली यह कंपनी पहली बार इंडियन मार्केट में पब्लिक इश्यू लेकर आ रही है.

कंपनी का परिचय

एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की सहायक इकाई है. भारत में इसकी गहरी पैठ है और यह फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, टीवी जैसे प्रोडक्ट में लंबे समय से भरोसेमंद ब्रांड बनी हुई है. कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स नोएडा और पुणे में हैं, जबकि आंध्र प्रदेश के श्रीसिटी में एक नया कारखाना स्थापित किया जा रहा है. इसके अलावा, देशभर में फैले डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और मजबूत आफ्टर-सेल्स सर्विस इसकी सबसे बड़ी ताकत है.

वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया है. राजस्व 213.52 अरब रुपये से बढ़कर 243.66 अरब रुपये हो गया, यानी करीब 14 फीसदी की बढ़त. वहीं नेट प्रॉफिट 46 फीसदी बढ़कर 15.11 अरब रुपये से 22.03 अरब रुपये तक पहुंच गया. EPS भी 22.26 रुपये से बढ़कर 32.46 रुपये हो गया है. ये आंकड़े बताते हैं कि कंपनी की वित्तीय स्थिति स्थिर और विकास की राह पर है.

आईपीओ की डिटेल

इस आईपीओ को लेकर बाजार में उत्साह के पीछे कई कारण हैं. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया बीते एक दशक से घरेलू आइटम के कई सेगमेंट्स में लीडर रही है. इसके अलावा, श्रीसिटी में नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट कंपनी की प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने में अहम साबित होगा. मजबूत ब्रांड वैल्यू, ग्राहक वफादारी और बढ़ते हुए भारतीय कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बाजार से कंपनी को फायदा मिलने की संभावना है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह इश्यू पूरी तरह से OFS है. यानी इससे जुटाई गई रकम भारतीय कंपनी को नहीं, बल्कि इसकी पैरेंट कंपनी LG Electronics Inc. (दक्षिण कोरिया) को जाएगी.

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रिस्क फैक्टर

हालांकि निवेशकों को कुछ जोखिमों को ध्यान में रखना होगा. सबसे बड़ा पहलू यह है कि कंपनी को आईपीओ से कोई नया पूंजी निवेश नहीं मिलेगा. बाजार में प्रतिस्पर्धा कड़ी है, जहां सैमसंग, व्हर्लपूल, पैनासोनिक जैसे वैश्विक खिलाड़ी और वोल्टास, गोदरेज जैसे भारतीय ब्रांड मौजूद हैं. श्रीसिटी प्लांट में देरी या कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी प्रॉफिट को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा, कंपनी अपनी पैरेंट कंपनी को रॉयल्टी देती है, जिसमें किसी भी वृद्धि से मुनाफे पर दबाव आ सकता है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.