बिजली की बढ़ती मांग और नई नीतियों ने इन 4 स्मॉल कैप को बना दिया स्टार; 119% का नेट प्रॉफिट CAGR; देखें फंडामेंटल

भारत की पावर सेक्टर में बदलाव की लहर तेजी पकड़ रही है. बड़ी कंपनियों के अलावा छोटे-कैप खिलाड़ी भी तेजी से उभर रहे हैं. कुछ कंपनियां सिर्फ बढ़ ही नहीं रही बल्कि भविष्य की ऊर्जा व्यवस्था की दिशा तय कर रही हैं. जानिए कौन हैं ये चार उभरते सितारे.

स्मॉल कैप के चार पावर प्लेयर Image Credit: Gemini

भारत का पावर सेक्टर इस समय एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. बिजली की बढ़ती मांग, नई नीतियां और तेजी से हो रहे निवेश ने पूरे सेक्टर को नई दिशा दी है. रिटेल निवेशकों की नजर आमतौर पर बड़ी कंपनियों पर ही रहती है, इस चक्कर में हलचल उन स्मॉल-कैप कंपनियों को नजरअंदाज कर देते हैं जो तेजी से अपना कारोबार बढ़ा रही हैं, नए कॉन्ट्रैक्ट जीत रही हैं और एनर्जी सेक्टर में अपना नाम बना रही हैं.

Salzer Electronics

साल्जर इलेक्ट्रॉनिक्स कई सेक्टर्स में अपना सर्विस देती है, जैसे इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव, ट्रैक्टर और बेयरिंग्स. इसकी मुख्य व्यवसायिक शाखाएं हैं- इंडस्ट्रियल स्विचगियर, वायर और केबल्स, और बिल्डिंग प्रोडक्ट्स. इंडस्ट्रियल स्विचगियर सबसे बड़ा सेक्शन है, उसके बाद वायर और केबल्स, जबकि बिल्डिंग प्रोडक्ट्स जैसे मॉड्यूलर स्विच और MCBs छोटा हिस्सा हैं.

साल्जर स्मार्ट मीटरिंग और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर में भी तेजी से कदम बढ़ा रही है. EV सेक्शन में DC फास्ट चार्जर का निर्माण पार्टनरशिप और सीधे संचालन के जरिए किया जा रहा है.

वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी ने पिछले तीन साल में 21 फीसदी का टॉपलाइन CAGR और 33 फीसदी का नेट प्रॉफिट CAGR दर्ज किया है. पिछले तीन साल में औसत ROE 10 फीसदी रहा. स्मार्ट मीटर को छोड़कर, कंपनी FY26 में 1600 करोड़ रुपए की रेवेन्यू गाइडलाइन हासिल करने में आश्वस्त है.

स्मार्ट मीटर की शुरुआती उम्मीदों में कुछ देरी आई है, क्योंकि फील्ड इंस्टॉलेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारियों में बाधाएं हैं. इसके अलावा, अमेरिका के टैरिफ भी निर्यात में अस्थायी चुनौती हैं. ऑपरेटिंग मार्जिन मध्यम अवधि में 10.2-10.4% तक बढ़ने की उम्मीद है. बीते पांच साल में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 745 फीसदी का रिटर्न दिया है, बीते करोबारी दिन कंपनी के शेयर 772 रुपये पर बंद हुए.

K.P. Energy

KP Energy नवीकरणीय ऊर्जा में बीओपी (Balance of Plant) समाधान देने वाली प्रमुख कंपनी है. यह मुख्य रूप से यूटिलिटी-लेवल की विंड एनर्जी और विंड-सोलर हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स में काम करती है. कंपनी परियोजनाओं का पूरा लाइफसाइकल संभालती है, साइट पहचान से लेकर कमिशनिंग तक. IPP (Independent Power Producer) के जरिए यह अपनी 48.5 MW क्षमता वाली ऊर्जा संपत्ति भी संचालित करती है.

कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन शानदार है, तीन साल में टॉपलाइन 55 फीसदी CAGR और नेट प्रॉफिट 88 फीसदी CAGR. औसत ROE 42% है. कंपनी अपने IPP पोर्टफोलियो को FY27 तक 100 MW तक बढ़ाने का लक्ष्य रखती है. KP ग्रुप का लंबी अवधि का टारगेट 2030 तक 10+ GW क्षमता हासिल करना है. हालांकि कंपनी के शेयरों ने बीते पांच वर्षों में निवेशकों का 26 फीसदी का घाटा करा दिया. बीते कारोबारी दिन कंपनी के शेयर 399 रुपये पर बंद हुए.

Shilchar Technologies

शिलचार टेक्नोलॉजीज पावर और डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर बनाने में अग्रणी है. यह विशेष रूप से 50 MVA और 132 kV ट्रांसफॉर्मर पर ध्यान केंद्रित करती है. कंपनी का प्रोडक्ट रेंज में पावर ट्रांसफॉर्मर, डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर, इनवर्टर-ड्यूटी ट्रांसफॉर्मर, जनरेटर ट्रांसफॉर्मर, हाइड्रो ट्रांसफॉर्मर और फर्नेस ट्रांसफॉर्मर शामिल हैं. शिलचार का ग्राहक आधार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में फैला है और FY25 में इसका 43% रेवेन्यू निर्यात से आया.

वित्तीय रूप से कंपनी ने तीन साल में टॉपलाइन 51 फीसदी CAGR और नेट प्रॉफिट 119 फीसदी CAGR दर्ज किया. अगले साल FY26 में कंपनी 750-800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू टारगेट रख रही है, जो पिछले साल से 20-25 फीसदी ज्यादा है. पिछले पांच वर्षों में कंपनी के शेयरों ने 7592 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. बीते कारोबारी दिन में कंपनी के शेयर 4469 रुपये पर बंद हुए.

Skipper Ltd

स्किपर Ltd तीन मुख्य सेक्शन में काम करती है- इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, पॉलीमर प्रोडक्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स. इंजीनियरिंग सेक्शन सबसे बड़ा है और यह पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन स्ट्रक्चर्स बनाता है. स्किपर दुनिया की इकलौती पूरी तरह इंटीग्रेटेड T&D स्ट्रक्चर निर्माता है, जो स्टील हॉट रोलिंग से लेकर फेब्रिकेशन, गैल्वनाइजिंग और टावर टेस्टिंग तक पूरे वैल्यू चेन में मौजूद है.

कंपनी का तीन साल का टॉपलाइन CAGR 39% और नेट प्रॉफिट CAGR 82% रहा. FY26 में 25% से ज्यादा रेवेन्यू बढ़ाने की योजना है, और FY30 तक रेवेन्यू को 1000 करोड़ रुपए तक ले जाने का लक्ष्य है. कंपनी मौजूदा वक्त में 526 रुपये पर ट्रेड कर रही है, साथ ही इसने पांच वर्ष में 1024 फीसदी का रिटर्न भी दे दिया है.

ये भी पढ़ें: Zomato, Bluestone, Urban Co. समेत इन IPO ने बनाया अरबपति, 600 करोड़ बने 56000 करोड़; दिग्गज अब भी कर रहे होल्ड

ये चार कंपनियां सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा की लहर का फायदा नहीं उठा रही हैं, बल्कि वो इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रही हैं जो भविष्य की ऊर्जा प्रणाली को संभव बनाता है. लेकिन छोटे-कैप शेयरों में जोखिम भी ज्यादा हैं. वैश्विक सप्लाई चेन, नीतियों में बदलाव और प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में बाधाएं किसी भी कंपनी की गति को प्रभावित कर सकती हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.