₹510000000000000 के एसेट पर बैठा है NSDL, 4 करोड़ लोग का है अकाउंट, IPO से पहले जान लें ये सीक्रेट बातें
भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी अब बाजार में उतरने जा रही है. लेकिन इस कंपनी की ताकत सिर्फ उसका IPO नहीं है. एक आंकड़ा है, जो आपको चौंका देगा. इस एक संस्था पर देश के अरबों के निवेश की जिम्मेदारी है. पूरी जानकारी के लिए पढ़ें…
NSDL Demate Custody Value: आपने शेयर खरीदे, बॉन्ड्स लिए या गोल्ड बांड खरीदे. ये सारे कागज पहले फिजिकल फॉर्म में होते थे, यानी प्रमाणपत्रों के रूप में. लेकिन अब ये सब ‘डिमैट अकाउंट’ में होते हैं, और इनकी सुरक्षा, रिकॉर्ड और ट्रांसफर की जिम्मेदारी होती है एक डिपॉजिटरी की. NSDL (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) देश की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है, जो निवेशकों के नाम पर रखे इन तमाम सिक्योरिटीज का हिसाब-किताब रखती है. इसे ही ‘डिमैट कस्टडी वैल्यू’ कहा जाता है.
निवेशक के लिए क्यों अहम है ये जानकारी?
डिपॉजिटरी की कस्टडी वैल्यू ये दिखाती है कि उसमें निवेशकों की कितनी संपत्ति रखी गई है. जितनी बड़ी कस्टडी, उतना मजबूत सिस्टम और भरोसेमंद ट्रैक रिकॉर्ड. ये डेटा यह भी दिखाता है कि कंपनी की मार्केट पहुंच कितनी गहरी है. जब आप किसी डिपॉजिटरी से जुड़े ब्रोकर के जरिए निवेश करते हैं, तो आपकी सारी सिक्योरिटीज उसी डिपॉजिटरी में रखी जाती हैं. इसलिए NSDL की ताकत को समझना IPO में निवेश से पहले जरूरी है.
मार्च 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, NSDL के पास US$5.97 ट्रिलियन यानी की 510.91 लाख करोड़ रुपये डिमैट कस्टडी वैल्यू है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा शेयरों का है, जिनकी वैल्यू 4.19 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, बॉन्ड्स और डेट इंस्ट्रूमेंट्स 54 लाख करोड़ रुपये, कमर्शियल पेपर्स (CP) 5.38 लाख करोड़ और सॉवरेन गोल्ड बांड्स 23,608 करोड़ रुपये के हैं. यह डिपॉजिटरी 4 करोड़ लोगों का अकाउंट संभाले हुए है.
अब IPO से जुड़े अहम तथ्य
NSDL का IPO 30 जुलाई से 1 अगस्त तक खुलेगा. कंपनी ने 760 रुपये से 800 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है, जिसका फेस वैल्यू 2 रुपये है. यानी फ्लोर प्राइस फेस वैल्यू से 380 गुना और कैप प्राइस 400 गुना है. एक लॉट में 18 शेयर होंगे और उससे अधिक भी 18 के मल्टीपल में निवेश किया जा सकेगा.
इस इश्यू में 50% हिस्सा QIB (Qualified Institutional Buyers) के लिए आरक्षित है, 15% NII (Non-Institutional Investors) और 35% रिटेल निवेशकों के लिए. कर्मचारियों के लिए 85,000 शेयर आरक्षित हैं और उन्हें प्रति शेयर 76 फीसदी की छूट दी जाएगी.
IPO का उद्देश्य और स्ट्रक्चर
यह पूरा IPO ऑफर फॉर सेल (OFS) है यानी कंपनी को कोई नई पूंजी नहीं मिलेगी, बल्कि मौजूदा शेयरधारक अपने हिस्से बेचेंगे. सबसे बड़ी हिस्सेदारी, 2.22 करोड़ शेयर IDBI Bank बेच रहा है. NSE 1.80 करोड़, SBI 40 लाख, HDFC Bank 20 लाख, Union Bank 5 लाख और SUUTI 34.15 लाख शेयर बेचेंगे. चूंकि IDBI और NSE की हिस्सेदारी 15% से ज्यादा है, इसलिए SEBI के नियमानुसार उन्हें ये घटानी होगी.
लिस्टिंग और अन्य तारीखें
एंकर इनवेस्टर्स को 29 जुलाई को आवंटन होगा. IPO का अलॉटमेंट 4 अगस्त को फाइनल होगा, रिफंड 5 अगस्त को शुरू होंगे और उसी दिन शेयर डिमैट अकाउंट में पहुंच जाएंगे. लिस्टिंग की तारीख है 6 अगस्त, NSE और BSE पर.
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NSDL बनाम CDSL: कौन आगे?
मार्च 2025 तक, NSDL के पास 65,391 सर्विस सेंटर थे, जबकि CDSL के 18,918. NSDL के पास एक्टिव इंस्ट्रूमेंट्स, कुल एसेट्स और ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के लिहाज से भी सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है. इसका एकमात्र लिस्टेड प्रतिद्वंदी CDSL है, जिसने पहले से ही बाजार में अच्छी पकड़ बना रखी है.