30 जुलाई से खुलेगा NSDL IPO, पैसा लगाने से पहले जान लें बिजनेस मॉडल और फाइनेंशियल रिस्क समेत 10 जरूरी बातें
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO 30 जुलाई से खुलेगा. इसका प्राइस बैंड भी तय हो चुका है. यह पब्लिक इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल पर आधारित होगा. अगर आप भी इसमें निवेश की सोच रहे हैं तो इसकी ताकत और कमजोरी समेत ये 10 बातें चेक कर लें.
NSDL IPO: लंबे समय से निवेशक नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO की राह देख रहे थे. उनका ये इंतजार 30 जुलाई को खत्म होने वाला है. इस दिन से ये सब्सक्रिप्शन के लिए खुल जाएगा. यह ऑफर 1 अगस्त तक खुला रहेगा. ऐसे में अगर आप भी इसमें दांव लगाने की सोच रहे हैं तो आईपीओ और कंपनी से जुड़ी कुछ खास बातें जान लीजिए.
कौन बेच रहा है शेयर?
NSDL का IPO पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसमें 5,01,45,001 शेयर बेचे जाएंगे. इसमें IDBI बैंक (2.22 करोड़ शेयर), NSE (1.8 करोड़ शेयर), SBI (40 लाख शेयर), HDFC बैंक (20.1 लाख शेयर), SUUTI (34.15 लाख शेयर), और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (5 लाख शेयर) बेचेंगे. चूंकि पब्लिक इश्यू में कोई नया फंड नहीं होगा इसलिए आईपीओ से जुटाई रकम इन शेयरधारकों के पास जाएगी.
IPO का शेड्यूल और प्राइस बैंड
IPO का प्राइस बैंड 760-800 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. शेयरों का अलॉटमेंट 4 अगस्त को फाइनल होगा और शेयर 6 अगस्त को BSE पर लिस्ट होंगे.
GMP में कितना दम?
इंवेस्टरगेन के मुताबिक नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) IPOका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 29 जुलाई की सुबह 6:01 बजे तक ₹135 दर्ज किया गया है. इस तरह ये अपने प्राइस बैंड ₹800 के मुकाबले ₹935 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. इसमें प्रति शेयर 16.88% के मुनाफे का अनुमान है.
IPO का मैनेजमेंट
NSDL IPO को मैनेज करने की जिम्मेदारी ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, HSBC सिक्योरिटीज, IDBI कैपिटल, मोतीलाल ओसवाल, और SBI कैपिटल मार्केट्स के पास है. रजिस्ट्रार की भूमिका MUFG इंटाइम इंडिया निभा रही है.
बोर्ड में कौन हैं शामिल?
NSDL के बोर्ड में सात डायरेक्टर्स हैं जिसमें एक मैनेजिंग डायरेक्टर, चार पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर्स और तीन नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स शामिल हैं. विजय चंडोक कंपनी के MD और CEO हैं.
NSDL की ग्रुप कंपनियां
NSDL की ग्रुप कंपनियों में IDBI बैंक, NSE, इंडिया इंटरनेशनल बुलियन होल्डिंग IFSC, और GKM ग्लोबल सर्विसेज शामिल हैं.
कौन है NSDL का प्रतिद्वंद्वी?
NSDL का प्रतिद्वंद्वी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) है, जो डीमैट फॉर्म में सिक्योरिटीज की होल्डिंग और ट्रांसफर की सुविधा देता है.
NSDL का बिजनेस
NSDL एक SEBI रजिस्टर्ड मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) है, जो भारत के फाइनेंशियल और सिक्योरिटीज मार्केट को कई सेवाएं देता है. 31 मार्च 2025 तक, यह भारत का सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है, जिसमें सबसे ज्यादा इश्यूअर्स, एक्टिव इंस्ट्रूमेंट्स, डीमैट वैल्यू में मार्केट शेयर और कस्टडी में रखी संपत्तियां है. NSDL के पास 65,391 डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट सर्विस सेंटर्स हैं, जबकि CDSL के पास 18,918 सेंटर्स हैं.
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कमाई का हाल
NSDL की कमाई में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. FY23 में कंपनी को ऑपरेशंस से रेवेन्यू 10,219.88 मिलियन रुपये का हुआ था, जो FY24 में बढ़कर 12,682.44 मिलियन और FY25 में 14,201.46 मिलियन रुपये हो गया. प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) भी FY23 में 2,348.10 मिलियन से बढ़कर FY24 में 2,754.45 मिलियन और FY25 में 3,431.24 मिलियन रुपये हो गया.
क्या है जोखिम?
RHP के मुताबिक, अगर निवेशक सिक्योरिटीज में निवेश के बजाय दूसरी जगह पैसा लगाने लगे, तो NSDL की सेवाओं की मांग घट सकती है. साथ ही, अगर कंपनी अपनी सेवाओं और मार्केट रीच को बढ़ाने में नाकाम रही, तो इसका बिजनेस प्रभावित हो सकता है.
टेक गड़बड़ी का खतरा
NSDL अपने बिजनेस के लिए कॉमप्लेक्स यानी जटिल IT नेटवर्क और सिस्टम पर निर्भर है. अगर कोई तकनीकी खराबी या साइबर सिक्योरिटी में सेंध लगती है, तो इसका बिजनेस, नाम और वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है.
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.