Smartworks IPO पर दांव लगाएं या नहीं, Bajaj Broking, Ventura समेत इन 3 दिग्गजों ने बताई सच्चाई
देश की सबसे बड़ी मैनेज्ड ऑफिस स्पेस कंपनी ने पब्लिक इश्यू लॉन्च कर दिया है. कंपनी की खासियत क्या है, इसका बिजनेस मॉडल कैसे काम करता है और इसमें निवेश का क्या संभावित फायदा या जोखिम हो सकता है? आपके लिए ये निवेश फायदेमंद होगा या नहीं, ये सब जानने के लिए पढ़ें कंपनी की पूरी रिपोर्ट.
Smartworks IPO Review: कॉर्पोरेट और स्टार्टअप्स के बीच फ्लेक्सिबल और मैनेज्ड ऑफिस स्पेस की मांग तेजी से बढ़ रही है, और इसी ट्रेंड का फायदा उठाने के लिए Smartworks Coworking Spaces Limited ने अपना पब्लिक इश्यू आज यानी 10 जुलाई 2025 को बाजार में खोल दिया है.
स्मार्टवर्क्स देश की सबसे बड़ी मैनेज्ड ऑफिस स्पेस कंपनियों में शामिल है, जो मिड-टू-लार्ज एंटरप्राइजेज को टेक-इनेबल्ड और सर्विस्ड ऑफिस स्पेस देती है. कंपनी ने भारत के 15 शहरों में अपने 50 सेंटर्स के जरिए करीब 9 मिलियन स्क्वायर फीट स्पेस को लीज पर लेकर एक बड़ा पोर्टफोलियो खड़ा किया है.
कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है?
2015 में स्थापित स्मार्टवर्क्स का बिजनेस मॉडल चार मुख्य स्टेकहोल्डर्स पर आधारित है- क्लाइंट्स, लैंडलॉर्ड्स, क्लाइंट्स के एंप्लॉयीज और सर्विस पार्टनर्स.
- क्लाइंट्स: कंपनी मुख्य रूप से मिड और लार्ज एंटरप्राइजेज को टारगेट करती है, जिनमें इंडियन कॉरपोरेट्स, मल्टीनेशनल कंपनियां और ग्रोथ फेज में मौजूद स्टार्टअप्स शामिल हैं.
- लैंडलॉर्ड्स: यह गैर-संस्थागत संपत्ति मालिकों से बड़े Bare Shell ऑफिस स्पेस को लीज पर लेकर उन्हें स्मार्टवर्क्स ब्रांड में तब्दील करता है. इससे लैंडलॉर्ड्स को रेंटल एश्योरेंस और लॉन्ग-टर्म लीज मिलती है.
- कर्मचारी: स्मार्टवर्क्स के कैंपस में जिम, क्रेच, कैफेटेरिया, मेडिकल सेंटर जैसी सुविधाएं होती हैं जो एंप्लॉयीज की वेलनेस और टीम बिल्डिंग को बढ़ावा देती हैं.
- सर्विस पार्टनर: कंपनी चायप्वाइंट, क्लियरटैक्स जैसे पार्टनर्स के साथ मिलकर अपनी जगहों पर वैल्यू-एडेड सेवाएं देती है.
कंपनी की फाइनेंशियल और विस्तार की योजना
स्मार्टवर्क्स तेजी से ग्रोथ कर रही है और इसके पास 8.99 मिलियन स्क्वायर फीट लीज पोर्टफोलियो है. हालांकि, कंपनी ने नेट लेवल पर नुकसान दर्ज किया है, जो मुख्य रूप से नए अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स के चलते भारी डिप्रिसिएशन और फाइनेंस कॉस्ट की वजह से हुआ. इसके बावजूद, कंपनी का ग्रॉस लेवल कैश EBITDA पॉजिटिव है.
कंपनी का इश्यू प्राइस इसके बुक वैल्यू से काफी ज्यादा है- मार्च 2025 के NAV 10.55 रुपये के आधार पर इसका P/BV रेशियो 38.58 है, जबकि पोस्ट IPO NAV 48.45 रुपये के आधार पर P/BV रेशियो 8.40 है.
वित्तीय प्रदर्शन के मामले में, स्मार्टवर्क्स का राजस्व FY23 से FY25 के बीच 711 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,374 करोड़ रुपये तक पहुंचा है, जो कि 38.9% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है. हालांकि, भारी लीज लायबिलिटीज के कारण कंपनी का शुद्ध लाभ (PAT) अभी भी नकारात्मक बना हुआ है. मौजूदा समय में कंपनी पर 299 करोड़ रुपये का नेट कर्ज है.
Ventura के अनुसार, IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग आंशिक कर्ज भुगतान, नए सेंटर्स में फिट-आउट्स पर खर्च और सिक्योरिटी डिपॉजिट्स के लिए किया जाएगा. फर्म की राय है कि निवेशकों को तब तक स्थिति पर नजर रखनी चाहिए जब तक कि कंपनी का प्रॉफिट बिफोर टैक्स (PBT) पॉजिटिव नहीं हो जाता, क्योंकि स्केल बढ़ने के साथ ही मुनाफे की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं.
IPO से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कहां होगा?
स्मार्टवर्क्स आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल तीन मुख्य कामों में किया जाएगा:
- कर्ज की अदायगी
- नए सेंटर्स की स्थापना और विस्तार
- सामान्य कॉर्पोरेट खर्चे
IPO की जानकारी | |
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प्राइस बैंड (₹) | ₹387 – ₹407 |
इश्यू साइज | ₹582.56 करोड़ |
लॉट साइज | 36 शेयर |
इश्यू खुलने की तिथि | 10 जुलाई 2025 |
इश्यू बंद होने की तिथि | 14 जुलाई 2025 |
लीड मैनेजर | JM फाइनेंशियल्स, BOB कैपिटल, IIFL कैपिटल, कोटक महिंद्रा कैपिटल |
रजिस्ट्रार | MUFG इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड |
लिस्टिंग तिथि | 17 जुलाई 2025 |
लिस्टिंग पर | बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) |
कंपनी की ताकत और कमजोरियां
ब्रोकरेज फर्म बजाज ब्रोकिंग ने कंपनी की मजबूती और कमजोरियों पर फोकस करते हुए नीचे दिए प्वाइंटर लिस्ट किए हैं.
ताकत
- मार्केट लीडरशिप: स्मार्टवर्क्स भारत में सबसे बड़ा मैनेज्ड ऑफिस स्पेस ऑपरेटर है.
- संपूर्ण इमारतें लीज पर लेना: यह पूरी या बड़ी इमारतों को लीज पर लेकर उन्हें एक ब्रांडेड, सुविधाजनक कार्यक्षेत्र में बदलता है.
- फोकस्ड क्लाइंट बेस: कंपनी का फोकस हाई सीट डिमांड वाले एंटरप्राइज क्लाइंट्स पर है जो लॉन्ग टर्म ग्रोथ देते हैं.
- प्रोसेस और टेक्नोलॉजी में दक्षता: डिजाइन, टेक्नोलॉजी, और सर्विस डिलीवरी में दक्षता इसकी खासियत है.
- कैपिटल एफिशिएंसी: अपने इक्विटी फंड्स का सीमित इस्तेमाल करते हुए कंपनी बड़े पैमाने पर संचालन करती है.
जोखिम
- लीज रिन्युअल रिस्क: अगर लैंडलॉर्ड्स लीज रिन्युअल से मना करें या शर्तें बदलें, तो कंपनी को नुकसान हो सकता है.
- क्लाइंट रिटेंशन रिस्क: अगर मौजूदा क्लाइंट्स अपनी लीज रिन्यू न करें या नए क्लाइंट्स की संख्या कम हो, तो रेवेन्यू प्रभावित हो सकता है.
- हाई लीज लायबिलिटी: लॉन्ग टर्म फिक्स्ड कॉस्ट लीज एग्रीमेंट्स के कारण कंपनी की ब्याज लागत और डिप्रिसिएशन बढ़ा हुआ है, जो नेट प्रॉफिट को प्रभावित करता है.
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इंडस्ट्री ट्रेंड्स और संभावनाएं
CBRE की रिपोर्ट के मुताबिक 2026 तक 59% कंपनियों के ऑफिस स्पेस में 10% से ज्यादा हिस्सेदारी फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की होगी, जो अभी 42% है. स्मार्टवर्क्स इस बदलते ट्रेंड के अनुरूप खुद को स्थापित कर चुकी है और इसका पैन इंडिया नेटवर्क, वैल्यू-सेंट्रिक प्राइसिंग और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अप्रोच इसे एक मजबूत प्लेयर बनाते हैं.
Smartworks Coworking Spaces Ltd. की ग्रोथ रणनीति, ब्रांड वैल्यू, और बड़े क्लाइंट बेस को देखते हुए यह ब्रोकरेज फर्म ‘स्वास्तिका’ ने आईपीओ पर न्युट्रल राय रखा है हालांकि फर्म का कहना है कि जो निवेशक इसमें दिलचस्पी रखते हैं तो शॉर्ट टर्म के लिए ये निवेश सही विकल्प साबित हो सकता है. हालांकि, निवेशकों को इसके अकाउंटिंग लॉसेस और लीज रिन्युअल से जुड़े जोखिमों को भी ध्यान में रखना चाहिए.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.