Snapdeal की पैरेंट कंपनी ने रिवाइज किया DRHP, SoftBank ने ले रखी है 30% हिस्सेदारी; जानें IPO का क्या है प्लान

डिजिटल कॉमर्स स्पेस में तेजी के बीच AceVector का IPO कदम निवेशकों की नजरें खींच रहा है. बड़े बैकर्स, मजबूत प्लेटफॉर्म्स और भविष्य की रणनीति पर संकेत मिलने के बाद बाजार में इस पेशकश को लेकर उत्सुकता बढ़ी है. आखिर कंपनी का अगला कदम क्या होगा? पूरी जानकारी जानें.

आईपीओ में निवेश Image Credit: FreePik

AceVector Updated DRHP: डिजिटल कॉमर्स इकोसिस्टम बनाने वाली AceVector ने अपने आईपीओ की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. कंपनी ने बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलने के बाद अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) दाखिल कर दिया है. खास बात यह है कि AceVector ने गोपनीय फाइलिंग रूट चुना है, जिससे उसके IPO की तैयारी चुपचाप मगर रणनीतिक ढंग से आगे बढ़ रही है.

IPO का आकार और धन का उपयोग

कंपनी के IPO में 300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे, जबकि 6.38 करोड़ शेयरों की सेल ऑफर (OFS) के माध्यम से मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. UDRHP के अनुसार, जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल कंपनी बड़े पैमाने पर मार्केटिंग, ब्रांड प्रमोशन, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और संभावित अधिग्रहणों के जरिए इनऑर्गेनिक ग्रोथ पर करेगी.

कौन हैं कंपनी के बड़े निवेशक?

AceVector में SoftBank की लगभग 30 फीसदी हिस्सेदारी प्रमुख है, जबकि सह-संस्थापक कुनाल बहल और रोहित बंसल संयुक्त रूप से करीब 34 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. इसके अलावा नेक्सस वेंचर पार्टनर्स की 9 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है. eBay, Temasek, Foxconn, Premji Invest और RNT Associates जैसे वैश्विक नाम भी कंपनी में निवेशक के तौर पर शामिल हैं.

AceVector का बिजनेस मॉडल, Snapdeal से लेकर Unicommerce तक

बहल और बंसल की अगुवाई वाली AceVector के पास तीन प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं- Snapdeal, Unicommerce और Stellaro Brands. Snapdeal एक वैल्यू-फोकस्ड ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है, Unicommerce ई-कॉमर्स ऑपरेशंस के लिए SaaS समाधान देता है और Stellaro ब्रांड्स ओम्नीचैनल उपभोक्ता ब्रांड्स पर काम करता है.

Snapdeal की H1 FY26 में 46 फीसदी यूनिट वृद्धि हुई, जहां 13 मिलियन यूनिट्स डिलीवर हुए. कंपनी का रेवेन्यू इस अवधि में 544 करोड़ रुपये रहा और इसके लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स ने कुल नेट मर्चेंडाइज वैल्यू का 94 प्रतिशत दिया.

बढ़ता ई-कॉमर्स बाजार और AceVector की रणनीति

रिसर्च फर्म 1Lattice के मुताबिक भारत का ई-कॉमर्स बाजार अगले पांच साल में 19.6 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़कर $95.8 बिलियन से $234.4 बिलियन पहुंच जाएगा. ऑनलाइन शॉपर्स की संख्या 300 मिलियन से छलांग लगाकर 700 मिलियन तक जाने की उम्मीद है.

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AceVector के लिए यह अनुमान बड़ा अवसर है. कंपनी ने 2015 में Unicommerce खरीदा था और हाल ही में Shipway तथा Convertway का अधिग्रहण किया है. इन अधिग्रहणों से AceVector ने संकेत दिया है कि उसका ध्यान सिर्फ ऑर्गेनिक नहीं बल्कि अधिग्रहणों के जरिए तेज विस्तार पर भी है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.