देश की 29वीं सबसे बड़ी फार्मा कंपनी का खुला IPO, क्या आपने किया सब्सक्राइब; एक्सपर्ट भी लगा रहे दांव
फार्मा सेक्टर के एक नए आईपीओ ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. तेजी से बढ़ते बाजार और मजबूत उत्पाद ताकत के चलते इस कंपनी पर विशेषज्ञों की नजर बनी हुई है. निवेशक इसे लेकर बेहद उत्सुक हैं, क्योंकि रिपोर्ट्स में कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.
फार्मा सेक्टर में नई लिस्टिंग की ओर बढ़ रहा Corona Remedies IPO निवेशकों की दिलचस्पी का केंद्र बन गया है. घरेलू बाजार में मजबूत उपस्थिति और तेजी से बढ़ते ब्रांड पोर्टफोलियो के चलते ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFS) ने इसे सब्सक्राइब रेटिंग दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की आय, मार्जिन और विस्तार रणनीति लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सकती है.
कंपनी की प्रोफाइल और बिजनेस ताकत
Corona Remedies एक घरेलू ब्रांडेड फार्मुलेशन कंपनी है जो महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्डियो-डायबेटो, पेन मैनेजमेंट और यूरोलॉजी जैसे सेगमेंट में काम करती है. इसके पास 71 ब्रांडों का पोर्टफोलियो है, जिनमें से 27 प्रमुख इंजिन ब्रांड हैं. MAT जून 2025 के अनुसार, यह घरेलू बिक्री के लिहाज से भारत की 29वीं सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है और अपने कवर किए गए बाजार में 17वें स्थान पर है.
कंपनी के Trazer, COR और Myoril जैसे ब्रांड अपने-अपने सेगमेंट में नंबर-1 हैं. खास बात यह है कि Corona का केवल 9.8 प्रतिशत पोर्टफोलियो सरकारी NLEM दायरे में आता है, जबकि पूरे इंडस्ट्री के लिए यह औसत 17.5 प्रतिशत है. इससे कंपनी को कीमत तय करने और मार्जिन बनाए रखने में अधिक लचीलापन मिलता है.
डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क और निर्माण क्षमता
जून 2025 के अनुसार कंपनी 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 22 C&F एजेंट और 2,000 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए काम करती है. 2,671 मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स के साथ Corona की प्रिस्क्रिप्शन पहुंच विशेषज्ञ डॉक्टरों तक है, जिससे कुल प्रिस्क्रिप्शन वॉल्यूम का लगभग 75.8 प्रतिशत आता है.
निर्माण के मामले में कंपनी के पास गुजरात के भायला और हिमाचल प्रदेश के सोलन में दो संयंत्र हैं, जिनकी कुल इंस्टॉल्ड क्षमता 1,285 मिलियन यूनिट प्रतिवर्ष है. भायला प्लांट EU-GMP और WHO-GMP प्रमाणित है, जबकि सोलन सुविधा WHO-GMP प्रमाणन रखती है.
Corona ने La Chandra Labs में निवेश भी किया है, जो हार्मोन आधारित उत्पादों के लिए API निर्माण करती है. यह बैकवर्ड इंटीग्रेशन मॉडल कंपनी की उत्पाद गुणवत्ता और आपूर्ति को मजबूती देता है.
अधिग्रहण और विकास रणनीति
कंपनी की तेजी से बढ़त का बड़ा श्रेय इसके रणनीतिक अधिग्रहण मॉडल को जाता है. GSK Pharma से अधिगृहीत Dilo DX, Dilo BM, Vitneurin और Stelbid ने खरीद के बाद से 75.4 प्रतिशत CAGR से ग्रोथ की. इसी तरह Sanofi India से खरीदा गया Myoril ब्रांड 51.9 प्रतिशत CAGR से बढ़ा है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का अधिग्रहण मॉडल इसे नई कैटेगरी में पकड़ और बाजार का विस्तार देता है.
IPO और वैल्युएशन आकर्षक क्यों दिखते हैं?
Corona Remedies का IPO 8 दिसंबर से 10 दिसंबर 2025 तक खुला है. इसका मूल्य दायरा 1,008 से 1,062 रुपये प्रति शेयर है. IPO पूरी तरह ऑफर फॉर सेल है और 655.4 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. पोस्ट-issue मार्केट कैप 6,165 से 6,495 करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है. 14 शेयर का लॉट साइज, 50% हिस्सा क्वालिफाइड बिडर्स के लिए, 35% रिटेल और 15% NII निवेशकों के लिए आरक्षित है. कर्मचारियों को 54 रुपये प्रति शेयर की छूट भी मिलेगी.
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ब्रोकरेज के अनुसार FY23 से FY25 तक कंपनी का रेवेन्यू 16.3%, EBITDA 36.9% और PAT 32.6% CAGR से बढ़ा है. FY25 के आधार पर 43.5 गुना P/E वैल्युएशन साथ ही मजबूत बैलेंस शीट और रिटर्न रेशियो इसे आकर्षक बनाते हैं.
MOFS का मानना है कि बढ़ते फील्ड फोर्स और हार्मोन उत्पादन क्षमता विस्तार परियोजना FY27 तक कंपनी के लिए अगला ग्रोथ कैटेलिस्ट साबित होंगे. इस वजह से ब्रोकरेज ने IPO को कट-ऑफ मूल्य पर सब्सक्राइब करने की सलाह दी है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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