कब आएगा SBI Mutual Fund का IPO? खुद चेयरमैन ने बता दी इश्यू की टाइमलाइन, बताया कब हो सकती है एंट्री
SBI चेयरमैन सी.एस. सेट्टी ने SBI म्यूचुअल फंड के आईपीओ को लेकर तस्वीर को थोड़ा साफ किया है. सेट्टी ने आईपीओ लाए जाने की टाइमलाइन पर बड़ी जानकारी दी है साथ ही बैंक की पूंजी स्थिति पर भी बड़ा अपडेट दिया है. विस्तार में जानें की एसबीआई चेयरमैन ने क्या कहा है.
SBI Mutual Fund IPO Timeline: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी.एस. सेट्टी ने देश के प्राइमरी मार्केट को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने साफ किया है कि SBI म्यूचुअल फंड का IPO अगले 12 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि फिलहाल SBI की किसी और सब्सिडियरी के IPO या हिस्सेदारी बेचने की कोई योजना नहीं है और पूरा फोकस केवल SBI म्यूचुअल फंड की लिस्टिंग पर है.
अगले 5 साल तक SBI को पूंजी की जरूरत नहीं
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब उनसे पूछा गया कि क्या SBI को निकट भविष्य में अतिरिक्त पूंजी यानी फ्रेश कैपिटल जुटाने की जरूरत पड़ेगी, तो सेट्टी ने साफ कहा कि अगले पांच साल तक बैंक को किसी भी तरह की इक्विटी डाइल्यूशन की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि इस समय SBI का Capital to Risk Weighted Assets Ratio (CRAR) करीब 15 फीसदी और CET-1 रेशियो लगभग 12 फीसदी है, जो बैंक को मजबूत स्थिति में रखता है.
इस पूंजी के दम पर SBI अगले पांच वर्षों में 12 से 13 लाख करोड़ रुपये तक का क्रेडिट ग्रोथ आराम से सपोर्ट कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही भविष्य में Expected Credit Loss (ECL) जैसे नए नियम लागू हों, फिर भी बैंक के पास पर्याप्त बफर मौजूद हैं. SBI की सालाना 70,000 से 80,000 करोड़ रुपये की कमाई खुद में इतनी मजबूत है कि वह ग्रोथ की जरूरतों को पूरा कर सके.
IPO पर क्या बोले SBI चेयरमैन?
IPO को लेकर सी.एस. सेट्टी ने कहा कि आज के समय में भारत में निवेश के लिए ज्यादा से ज्यादा अच्छी और विविध कंपनियों का लिस्ट होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में निवेश के लिए भारी मात्रा में पैसा आ रहा है, लेकिन अगर निवेश के विकल्प सीमित होंगे तो निवेशक उन्हीं चुनिंदा कंपनियों में बार-बार पैसा लगाएंगे. उनके मुताबिक, वैल्यूएशन और प्राइसिंग पूरी तरह निवेशक के नजरिए पर निर्भर करती है. किसी निवेश की कीमत हर व्यक्ति की सोच और अपेक्षा के हिसाब से अलग हो सकती है.
PSU बैंकों में FII लिमिट बढ़ाने की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, PSU बैंकों में FII (Foreign Institutional Investors) की सीमा बढ़ाने के सवाल पर सेट्टी ने कहा कि ज्यादा लिमिट मिलने से निश्चित रूप से वैल्यू बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि निवेशकों को “हेडरूम” चाहिए, भले ही मौजूदा लिमिट पूरी तरह इस्तेमाल न हो रही हो. SBI ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से भी बात की है, क्योंकि सरकार PSU बैंकों की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है.
SBI म्यूचुअल फंड IPO की तैयारी तेज
SBI म्यूचुअल फंड, जो देश की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, ने IPO की तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी ने मर्चेंट बैंकरों और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. SBI, Amundi और SBI Funds Management Ltd (SBIFML) के बोर्ड ने मिलकर 12 महीने का टाइमलाइन मंजूर किया है. सी.एस. सेट्टी, जो SBIFML के चेयरमैन भी हैं, ने कहा कि कंपनी इस समय IPO को लेकर बेहद गंभीरता से काम कर रही है और तय समयसीमा में बाजार में उतरने की पूरी कोशिश है.
प्रमोटर्स बेचेंगे 10 फीसदी हिस्सेदारी
IPO के तहत कंपनी के दोनों प्रमोटर्स कुल मिलाकर 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे. SBI ने पहले ही 3,20,60,000 शेयर, यानी 6.3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. वहीं, Amundi India Holding करीब 1,88,30,000 शेयर, यानी 3.70 फीसदी हिस्सेदारी ऑफलोड करेगी. इस तरह कुल 5,08,90,000 शेयरों के जरिए 10 फीसदी हिस्सेदारी शेयर बाजार में लिस्ट की जाएगी.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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