इन 10 स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स ने 3 साल में दिए बंपर रिटर्न, निवेशकों ने कमाया 26 फीसदी तक मुनाफा

Small Cap Mutual Funds: स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड आमतौर पर उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन छोटा है. इन टॉप-10 फंड्स ने पिछले 3 साल में अपने निवेशकों को 20 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.

जून में आने वाले 3 म्यूचुअल फंड Image Credit: Getty image

Small Cap Mutual Funds: स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने निवेशकों का बहुत ही अधिक ध्यान आकर्षित किया है. क्योंकि पिछले कुछ साल में ही निवेशकों को बंपर रिटर्न मिला है. स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड आमतौर पर उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन छोटा है. ये फंड हाई ग्रोथ का लक्ष्य रखते हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि छोटी कंपनियों के पास अक्सर मिड या लार्जकैप की तुलना में विस्तार करने के लिए अधिक स्पेस होता है.

जोखिम भरा होता है निवेश

हालांकि, स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश करना उनकी अस्थिरता के कारण अधिक जोखिम भरा भी होता है. स्मॉलकैप फंड उन निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त हैं, जिनका निवेश इन्वेस्टमेंट हॉरिजॉन लॉन्ग टर्म का है. 10 स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने पिछले 3 सालों में 20 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.

तीन साल में इन स्मॉल कैप MF ने दिया है जोरदार रिटर्न

रिटर्नरिटर्न
बंधन स्मॉल कैप फंड (डायरेक्ट प्लान)27.87 फीसदी
बैंक ऑफ इंडिया स्मॉल कैप फंड (डायरेक्ट प्लान)20.33 फीसदी
एडलवाइस स्मॉल कैप फंड (डायरेक्ट प्लान)20.03 फीसदी
फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनीज फंड (डायरेक्ट प्लान)22.01 फीसदी
एचडीएफसी स्मॉल कैप फंड (डायरेक्ट प्लान)20.72 फीसदी
इन्वेस्को इंडिया स्मॉलकैप फंड (डायरेक्ट प्लान)23.84 फीसदी
आईटीआई स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ26.47 फीसदी
निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ23.38 फीसदी
क्वांट स्मॉल कैप फंड (डायरेक्ट प्लान)22.74 फीसदी
टाटा स्मॉल कैप फंड डायरेक्ट ग्रोथ24.45 फीसदी

हाई रिक्स के साथ बंपर रिटर्न

स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से मार्केट कैप के मामले में 251वें स्थान पर और उससे आगे की कंपनियों में निवेश करते हैं. हॉकिन्स कुकर्स और सुला वाइनयार्ड जैसी ये फर्म्स अक्सर अपने ग्रोथ के फेज में होती हैं. उभरती कंपनियों में निवेश करने से काफी लाभ हो सकता है क्योंकि ये व्यवसाय विस्तार करते हैं और बाजार हिस्सेदारी हासिल करते हैं. हालांकि, स्मॉल-कैप स्टॉक बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे कीमतों में अधिक अस्थिरता होती है.

इसके अलावा कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण, बाजार में गिरावट के दौरान स्मॉल-कैप स्टॉक में पोजीशन से बाहर निकलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.छोटी कंपनियों के पास सीमित संसाधन हो सकते हैं, जिससे वे आर्थिक बदलावों और ऑपरेशनल चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं.

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