क्या आपका भी है मिड-कैप म्यूचुअल फंड में 10 साल का SIP प्लान, शानदार मौका या बड़ा जोखिम? निवेश से पहले जानें पूरी तस्वीर
मिड-कैप म्यूचुअल फंड में 10 साल का SIP प्लान निवेशकों के लिए बड़ा मौका भी हो सकता है और जोखिम भी. गूगल पर “बेस्ट मिड-कैप म्यूचुअल फंड” सर्च करने पर ऊंचे रिटर्न आकर्षक दिखते हैं, लेकिन असल निवेश सफर उतार-चढ़ाव से भरा होता है. आंकड़े बताते हैं कि कई मिड-कैप फंड्स ने 10 साल में मजबूत XIRR दिया है, हालांकि बीच में 30 से 40 फीसदी तक की गिरावट भी आई है.
Mid Cap Mutual Fund: अगर आज आप गूगल पर “बेस्ट मिड-कैप म्यूचुअल फंड” सर्च करते हैं, तो आपके सामने 10 साल के शानदार रिटर्न दिखाने वाले कई फंड्स की लंबी सूची आ जाती है. SIP निवेशकों के लिए यह तस्वीर बेहद सरल नजर आती है. निवेशक सोचते हैं कि मिड-कैप फंड्स ने ज्यादा रिटर्न दिया है, इसलिए यहां SIP करना समझदारी है. लेकिन निवेश की यह तस्वीर जितनी आकर्षक दिखती है, उतनी आसान नहीं है. मिड-कैप फंड्स का 10 साल का SIP डेटा जहां मजबूत वेल्थ क्रिएशन दिखाता है, वहीं इसमें लंबे और असहज दौर भी शामिल रहे हैं.
निवेशक वास्तव में क्या जानना चाहते हैं
जब निवेशक “बेस्ट मिड-कैप म्यूचुअल फंड” की बात करते हैं, तो उनका मतलब सिर्फ हालिया टॉप रिटर्न से नहीं होता. वे यह समझना चाहते हैं कि क्या मिड-कैप फंड्स लंबी अवधि में लार्ज-कैप फंड्स से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, क्या इस कैटेगरी में SIP सही तरीका है और क्या उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश जारी रखा जा सकता है. निवेशक ऐसी कैटेगरी चाहते हैं, जहां 10 से 15 साल में बेहतर रिटर्न की संभावना हो, वोलैटिलिटी SIP के लिए फायदेमंद साबित हो और एक खराब फेज पूरे भरोसे को न तोड़ दे.
10 साल के SIP आंकड़े क्या कहते हैं
Value Research के मुताबिक कई मिड-कैप फंड्स ने पूरे 10 साल की अवधि में SIP निवेशकों को सालाना 20 फीसदी से ज्यादा का XIRR दिया है और बड़ा कॉर्पस तैयार किया है. यही वजह है कि इस कैटेगरी को लेकर उत्साह बना रहता है. लेकिन इन आंकड़ों के पीछे का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. असल समय में निवेशकों ने ऐसे दौर भी देखे हैं, जब मिड-कैप इंडेक्स अपने पुराने हाई लेवल से 30 से 40 फीसदी तक टूट गया.
कई फंड्स ने कुछ समय के लिए इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि 1 से 3 साल तक ऐसे फेज भी आए जब रिटर्न फ्लैट या निगेटिव रहे. आज जो मजबूत 10 साल का XIRR दिखता है, वह ज्यादातर सफर के आखिरी हिस्से में उभरकर सामने आता है.
टॉप रैंक के पीछे भागना कितना सही
SIP निवेशकों के लिए हर साल टॉप पर रहने वाले मिड-कैप फंड के पीछे भागना आमतौर पर ज्यादा वैल्यू नहीं जोड़ता. बार-बार फंड बदलने से रिटर्न अक्सर कैटेगरी एवरेज के आसपास ही सिमट जाता है, जबकि गलत समय पर एंट्री और एग्जिट का जोखिम बढ़ जाता है. इसके मुकाबले एक मजबूत और अच्छी तरह से मैनेज किया गया फंड लंबे समय तक होल्ड करना ज्यादा कारगर और मानसिक रूप से आसान साबित होता है.
सही तरीका क्या हो
निवेश की शुरुआत फंड नामों से नहीं, बल्कि अपनी एसेट एलोकेशन तय करने से करनी चाहिए. अगर आप निवेश की शुरुआती अवस्था में हैं, तो डाइवर्सिफाइड या लार्ज-कैप फंड्स को आधार बनाएं और मिड-कैप को सीमित हिस्से के रूप में रखें. इसके बाद ऐसे फंड चुनें जिनका 7 से 10 साल का संतुलित ट्रैक रिकॉर्ड हो, जो गिरावट के दौर में कैटेगरी से ज्यादा न गिरे हों और रिकवरी के समय साथियों के अनुरूप लौटे हों.
साथ ही यह समझना जरूरी है कि फंड किस स्टाइल पर काम करता है- क्वालिटी और ग्रोथ, वैल्यू या साइक्लिकल अप्रोच. डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो और स्पष्ट रणनीति वाले फंड्स में निवेशकों के लिए लंबे समय तक टिके रहना आसान होता है.
किन निवेशकों के लिए सही, किनके लिए नहीं
मिड-कैप SIP उन निवेशकों के लिए बेहतर है जिनका नजरिया कम से कम 7 से 10 साल का हो, जिनके पास पहले से लार्ज-कैप या डाइवर्सिफाइड फंड्स का मजबूत आधार हो और जो इस हिस्से में आने वाली ज्यादा गिरावट सहने का धैर्य रखते हों. वहीं, जिन निवेशकों को 3 से 5 साल में पैसा चाहिए या जो बड़े उतार-चढ़ाव से घबरा जाते हैं, उनके लिए यह कैटेगरी कम उपयुक्त मानी जाती है.
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