नए टैक्स रिजीम में कर्मचारियों को मिलता है ये छुपा फायदा, मोबाइल-लैपटॉप की लीज पर बचाएं इनकम टैक्स
नई टैक्स व्यवस्था में जहां Meal Card जैसे बेनेफिट्स खत्म हो गए हैं, वहीं मोबाइल और लैपटॉप की लीजिंग एक छुपा हुआ टैक्स बचत विकल्प बनकर उभरा है. कंपनियां इन डिवाइसेज को लीज पर देती हैं, जिससे कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम कम होती है और वह सालाना हजारों रुपये की टैक्स बचत कर सकता है.
Tax Saving Device Leasing: नए टैक्स रिजीम में जहां कई टैक्स छूट खत्म हो गई हैं, वहीं कुछ फायदे अभी भी कर्मचारियों को मिल रहे हैं. मोबाइल, लैपटॉप और कार लीज जैसी सुविधाएं अब भी टैक्स फ्री रीइम्बर्समेंट के तहत आती हैं, बशर्ते इनका इस्तेमाल ऑफिस के काम के लिए किया जा रहा हो. खास बात ये है कि कुछ कंपनियां एक साल बाद ये डिवाइस डिस्काउंट पर कर्मचारियों को बेच देती हैं, जिससे टैक्स बचत के साथ-साथ डिवाइस भी मिल जाता है.
कैसे काम करता है ये लीज मॉडल?
डिवाइस लीजिंग एक तीन-तरफा प्रक्रिया है जिसमें कंपनी, लीजिंग फर्म और कर्मचारी शामिल होते हैं. लीजिंग कंपनी मोबाइल या लैपटॉप जैसी डिवाइस खरीदती है और इसे कंपनी को किराए पर देती है. कंपनी फिर अपने कर्मचारी को काम के उपयोग के लिए डिवाइस देती है. कर्मचारी की सैलरी से प्री-टैक्स बेसिस पर लीज अमाउंट काटा जाता है, जिससे टैक्सेबल इनकम घट जाती है और टैक्स की बचत होती है।
टैक्स में कैसे होती है बचत?
अगर कोई कर्मचारी 1 लाख रुपये महीने कमाता है और 10,000 हजार की डिवाइस लीज पर लेता है, तो उसका टैक्स 90,000 रुपये की इनकम पर लगेगा. इससे 30 फीसदी टैक्स स्लैब वाले को 3,000 रुपये महीने या 36,000 रुपये सालाना की बचत होती है. लीज खत्म होने पर कर्मचारी डिवाइस को बाजार दर पर खरीद सकता है, जिससे कुल मिलाकर उसे डिवाइस पर 15,000–20,000 रुपये तक का फायदा हो सकता है.
उदाहरण से समझिए टैक्स बचत कैसे होती है:
मान लीजिए:
- कर्मचारी की मासिक सैलरी = ₹1,00,000
- कर्मचारी ने कंपनी से एक मोबाइल या लैपटॉप ₹10,000 प्रतिमाह की लीज पर लिया है
- कर्मचारी 30% टैक्स स्लैब में आता है
- बिना लीज के टैक्स:
टैक्स योग्य आय = ₹1,00,000 - 30% टैक्स = ₹30,000 प्रति माह
- लीज के साथ टैक्स:
टैक्स योग्य आय = ₹90,000 (₹1,00,000 – ₹10,000 लीज कटौती) - 30% टैक्स = ₹27,000 प्रति माह
टैक्स में बचत = ₹3,000 प्रति माह या ₹36,000 सालाना - अगर डिवाइस की कुल कीमत ₹1.10 लाख है
कर्मचारी 12 महीनों में ₹1.20 लाख लीज देता है - लेकिन टैक्स में बचत ₹36,000 हो जाती है
- यानी कुल प्रभावी खर्च = ₹1.20 लाख – ₹36,000 = ₹84,000
- अगर अंत में वह डिवाइस ₹6,000 में खरीद लेता है,
कुल खर्च = ₹90,000
फायदा = ₹1.10 लाख – ₹90,000 = ₹20,000
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कर्मचारियों के लिए स्केलेबल समाधान
मोबाइल और लैपटॉप लीजिंग पर कंपनियां GST का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) भी क्लेम कर सकती हैं, जो कार लीज में संभव नहीं होता. ये ITC कर्मचारियों को पास-ऑन किया जा सकता है.इसके अलावा, मोबाइल-लैपटॉप लीजिंग का मॉडल लोअर-कॉस्ट होने की वजह से टॉप लेवल के बजाय पूरे वर्कफोर्स के लिए उपयोगी और स्केलेबल बनता है.