Rising PF Claim Rejections: PF में जमा खुद के पैसे से क्यों है लाखों लोग वंचित?

कर्मचारियों की मेहनत की कमाई से हर महीने कटने वाला पीएफ (PF) अकाउंट भविष्य की सुरक्षा का आधार माना जाता है, लेकिन जब जरूरत पड़ती है, तब यही पैसा निकालना एक बड़ी चुनौती बन जाता है. EPFO में क्लेम रिजेक्शन की दर लगातार बढ़ रही है, जिससे लाखों कर्मचारी परेशान हैं. लोग बार-बार ऑनलाइन-ऑफलाइन आवेदन करते हैं, लेकिन फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है, पैसे ट्रांसफर नहीं होते, और कारण तक नहीं बताया जाता.

EPFO में तकनीकी खामियां, केवाईसी संबंधी गड़बड़ियां अधिकारी स्तर पर जवाबदेही की कमी इसके प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं. कई मामलों में कर्मचारियों की शिकायत है कि उनके पैसे पर नियोक्ता का अप्रत्यक्ष नियंत्रण है. यह सवाल उठना लाजमी है कि जब पैसा कर्मचारी का है तो उस पर अधिकार किसी और का क्यों?

‘EYE Opener’ के इस विशेष एपिसोड में संदीप ग्रोवर और मुस्कान ओझा इस सिस्टम की परतें खोलते हैं. कैसे रिजेक्शन की दर घटाई जा सकती है, किन कारणों से फॉर्म रिजेक्ट होता है, और इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी कैसे बनाया जाए.