HRA के लिए फर्जी रेंट रसीद पड़ेगी भारी, CBDT ने शुरू की सख्ती, देना पड़ेगा 200 फीसदी जुर्माना
इनकम टैक्स विभाग अब फर्जी रेंट रसीद और एग्रीमेंट के जरिए HRA क्लेम करने वालों पर सख्ती कर रहा है. ऐसे मामलों में टैक्स चोरी, कानूनी कार्रवाई, और नौकरी जाने तक का खतरा होता है. विभाग ने जनवरी 2024 से जांच शुरू की है.
Fake Rent Receipt: इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए हाउस रेंट अलाउंस का इस्तेमाल करना एक आम बात है. लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो इसका गलत इस्तेमाल फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाकर करते हैं. इसी को देखते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई कर रहा है. विभाग फर्जी तरीके से हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम करने वालों से न सिर्फ जुर्माना वसूल रहा है बल्कि उनके खिलाफ कानूनी एक्शन भी ले रहा है.
कैसे होता है HRA क्लेम में फर्जीवाड़ा
HRA एक तरह की टैक्स छूट है जो नौकरीपेशा लोगों को किराए के मकान में रहने पर मिलती है. इसे क्लेम करने के लिए संबंधित व्यक्ति को मकान मालिक से रसीद और एग्रीमेंट पेश करना होता है. इसी एग्रीमेंट में कई लोग फर्जीवाड़ा करते हैं जैसे कि फर्जी एग्रीमेंट बना लेते हैं या फिर जितना किराया देते हैं, उससे ज्यादा की राशि दिखा देते हैं. कई लोग अपने ही घर में रहते हैं और उसका भी फर्जी पता, साइन और किराए की राशि दिखा देते हैं.
क्या कार्रवाई हो सकती है
- कानूनी कार्रवाई: फर्जी रसीद देना कानूनन अपराध है. पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं.
- नौकरी और साख पर असर: यदि नियोक्ता को इसका पता चलता है तो नौकरी से निकाला जा सकता है.
- टैक्स चोरी का मामला: आयकर विभाग टैक्स चोरी के तहत केस दर्ज कर सकता है.
- लोन और क्रेडिट में दिक्कत: भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में परेशानी हो सकती है.
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देना पड़ सकता है 200 फीसदी जुर्माना
2024 से ही विभाग रेंट रसीदों की सत्यता की जांच कर रहा है. जहां गड़बड़ी मिली है वहां लोगों को नोटिस जारी किया गया है. इस तरह के मामलों में दोषी पाए जाने पर विभाग 200 फीसदी तक टैक्स जुर्माना वसूल रहा है और ऐसे मामलों में सेक्शन 270A के तहत 50 फीसदी अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है तथा सेक्शन 234A, 234B और 234C के तहत ब्याज भी वसूला जा सकता है.