कम क्रेडिट स्कोर देख बार-बार लोन रिजेक्ट कर रहे हैं बैंक? इन पांच तरीकों से खुल जाएंगे फायदे के दरवाजे
बड़े बैंकों ने हाल ही में कर्ज देने के नियम और सख्त कर दिए हैं. ऐसे में अगर आपका लोन रिजेक्ट हो रहा है या क्रेडिट कार्ड नहीं मिल रहा, तो वजह कहीं आपके ही फाइनेंशियल इतिहास में तो नहीं छिपी? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें हमारी खास रिपोर्ट.
जब आप बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो आपके फॉर्म के अलावा भी कई चीजे देखी जाती हैं. आज के दौर में आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी बीते वक्त में आपकी फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को निभाने का रिकॉर्ड यह तय करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं. हाल ही में HDFC Bank, SBI, Kotak Bank जैसे बड़े बैंकों ने कर्ज देने के मापदंड और सख्त कर दिए हैं. और इसका सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जिनका क्रेडिट स्कोर कम है.
क्यों हो रहे हैं ज्यादा लोन रिजेक्शन?
बाजार में लगातार बढ़ती वित्तीय अनिश्चितता और डिफॉल्ट के मामलों के चलते बैंक अब सिर्फ उन्हीं को लोन दे रहे हैं जिनकी फाइनेंशियल साख मजबूत है. क्रेडिट स्कोर, जो 300 से 900 के बीच होता है उसी स्केल पर तय करता है कि आपकी साख कितनी अच्छी है. 720 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है, जबकि 650 से नीचे का स्कोर आपको रिस्की कैटेगरी में डाल देता है.
ऐसे में ज्यादातर सवाल ये उठते हैं कि क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारे जब बड़े रकम की कभी जरूरत ही महसूस नहीं हुई. दरअसल, ये उतना भी मुश्किल नहीं. क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए आपको बड़े लोन लेने की जरूरत नहीं. छोटे कदम जैसे कि सिक्योर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल, यूटिलिटी बिल्स का समय पर भुगतान और BNPL (Buy Now Pay Later) सर्विसेस का संतुलित इस्तेमाल आपके स्कोर को बेहतर बना सकती है.
इसके अलावा अगर आप सैलरीड हैं, तो आप बेसिक क्रेडिट कार्ड के लिए क्वालिफाई कर सकते हैं. क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए तीन आदतें जरूरी हैं – समय पर भुगतान, 30 फीसदी से कम क्रेडिट इस्तेमाल और बार-बार लोन या कार्ड के लिए अप्लाई न करना.”
स्कोर सुधारने की 5 जरूरी रणनीतियां
- समय पर भुगतान करें – क्रेडिट कार्ड बिल और EMI को ड्यू डेट से पहले चुकाने की आदत बनाएं.
- कम क्रेडिट इस्तेमाल करें – अपने क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें.
- नई क्रेडिट एप्लिकेशन सीमित रखें – बार-बार नया लोन या कार्ड मांगना आपके स्कोर को गिरा सकता है.
- क्रेडिट मिक्स बनाएं – सिक्योर और अनसिक्योर, दोनों तरह के लोन को संतुलित तरीके से लें.
- क्रेडिट रिपोर्ट नियमित जांचें – हर साल एक बार फ्री क्रेडिट रिपोर्ट पाएं और उसमें गलती हो तो सुधार कराएं.
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शुरुआती गलतियों से बचें, लंबे वक्त में फायदा मिलेगा
RBI के नियमों के मुताबिक, हर व्यक्ति साल में एक बार सभी क्रेडिट ब्यूरो से फ्री रिपोर्ट ले सकता है. इस रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ना, उसमें सुधार कराना और अपनी फाइनेंशियल आदतों को बेहतर बनाना आपको बेहतर ब्याज दर, ज्यादा कार्ड लिमिट और यहां तक कि नौकरी या रेंटल एग्रीमेंट में भी मदद करता है.