क्या आपको मालूम है आप कितने अमीर हैं? इस आसान गणित से समझें कितनी है आपकी नेटवर्थ
अक्सर हम अमीरी को सिर्फ बैंक बैलेंस, घर या गाड़ियों से जोड़कर देखते हैं, लेकिन असली पैमाना कुछ और है. नेटवर्थ रूल हमें बताता है कि उम्र और कमाई के हिसाब से हमारी संपत्ति कितनी होनी चाहिए. यह हमारी फाइनेंशियल हेल्थ और बचत की सही तस्वीर दिखाता है. आइए जानते हैं कैसे.
क्या आपने कभी सोचा है कि आप सच में कितने अमीर हैं. अक्सर हम अमीरी को सिर्फ बैंक बैलेंस, घर, गाड़ी या गहनों से जोड़कर देखते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा फॉर्मूला बताएंगे जिसकी मदद से आप घर बैठे सिंपल कैलकुलेशन के जरिए यह गणना कर सकते हैं कि आपकी नेटवर्थ कितनी है. इस फॉर्मूले की मदद से आप यह जान पाएंगे कि आप कितने अमीर हैं. इसको समझने के लिए एक आसान-सा फॉर्मूला है जिसे नेटवर्थ रूल कहा जाता है.
अमीरी मापने का फॉर्मूला
नेटवर्थ के नियम के मुताबिक सबसे पहले आपको अपनी उम्र और अब तक की कुल कमाई यानी ग्रॉस इनकम को गुणा करना होता है. उसके बाद उस रकम को 20 से भाग देना होता है. जो आंकड़ा निकलकर सामने आता है, वही आपकी नेटवर्थ होती है. अगर आपकी कुल संपत्ति उस रकम के बराबर या उससे ज्यादा है तो आप खुद को अमीर मान सकते हैं. लेकिन अगर आपकी संपत्ति इससे कम है तो इसका मतलब है कि अभी आपको अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और सेविंग्स पर और ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
उदाहरण से समझें
मान लीजिए आपकी उम्र 30 साल है और आपकी कुल कमाई 12 लाख रुपये है. ऐसे में नेटवर्थ के फॉर्मूले के हिसाब से 30 को 12 लाख से गुणा किया जाएगा.
- सबसे पहले उम्र (30) को कुल कमाई (12,00,000) से गुणा करें यानी 30 × 12,00,000 = 3,60,00,000
- अब इस रकम को 20 से भाग दें, 3,60,00,000 ÷ 20 = 18 लाख रुपये.
अगर आपकी संपत्ति 18 लाख रुपये या उससे ज्यादा है तो आप अमीर माने जाएंगे. लेकिन अगर आपकी संपत्ति इस आंकड़े से कम है तो आपको और इन्वेस्टमेंट और सेविंग्स पर ध्यान देना होगा.
क्यों जरूरी है यह कैलकुलेशन?
यह तरीका न केवल यह बताता है कि हम अमीर हैं या नहीं, बल्कि यह भी दिखाता है कि हमारी फाइनेंशियल हेल्थ कैसी है. साथ ही यह हमें समझने में मदद करता है कि हमने अब तक जितनी मेहनत और कमाई की है, उसके मुकाबले कितना बचा पाए और कितना निवेश कर पाए. यानी कि यह नियम हमारी तरक्की की दिशा भी साफ करता है और यह सोचने पर मजबूर करता है कि कहीं आप सिर्फ खर्च ही तो नहीं कर रहे, बल्कि सही मायनों में संपत्ति बना रहे हैं या नहीं.
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