कानपुर के इस शख्स के पास है 1638 क्रेडिट कार्ड, फ्री में लेते हैं स्पा, होटल, फ्लाइट टिकट जैसी सुविधाएं, नहीं है कोई कर्ज

मनीष धमेजा ने 1638 वैध क्रेडिट कार्ड के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. वे इन कार्ड्स से रिवार्ड प्वाइंट, कैशबैक, ट्रैवल और होटल सुविधाओं का अधिकतम फायदा उठाते हैं और किसी तरह का कर्ज नहीं रखते. 2016 की नोटबंदी के दौरान भी उन्होंने बिना परेशानी डिजिटल पेमेंट से खर्च पूरे किए. उनकी कहानी दिखाती है कि समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग कर आम साधनों को भी कमाई का जरिया बनाया जा सकता है.

कानपुर के मनीष धमेजा ने 1638 वैध क्रेडिट कार्ड के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. Image Credit:

Credit Card Guinness World Record: आपके पास कितने क्रेडिट कार्ड हैं अगर यह सवाल आपसे पूछा जाए तो शायद आपका जवाब एक, दो या तीन हो. कुछ लोगों के पास इससे ज्यादा भी हो सकता है. लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि एक ऐसा शख्स है जिसके पास 1638 क्रेडिट कार्ड हैं तो शायद आप यकीन न करें, लेकिन यह सच है. कानपुर के रहने वाले मनीष धमेजा को इसके लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला है. मनीष धमेजा ने क्रेडिट कार्ड को न सिर्फ खर्च करने का जरिया बनाया बल्कि कमाई का साधन भी बना दिया है. वे इन कार्ड्स से रिवार्ड प्वाइंट्स, कैशबैक, ट्रैवल बेनिफिट्स और होटल प्रिविलेज का अधिकतम फायदा उठाते हैं. खास बात यह है कि उनके पास किसी भी तरह का कर्ज नहीं है और वे सभी कार्ड्स को पूरी जिम्मेदारी से मैनेज करते हैं. उनकी कहानी बताती है कि समझदारी से की गई योजना आम चीजों को भी खास बना सकती है.

क्रेडिट कार्ड से गिनीज रिकॉर्ड तक का सफर

मनीष धमेजा ने 30 अप्रैल 2021 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. उनके पास 1638 वैध क्रेडिट कार्ड हैं. लेकिन उन्होंने इन कार्ड्स को सिर्फ इकट्ठा करने के लिए नहीं बल्कि स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करने के लिए रखा है. इन कार्ड्स से वे फ्री ट्रैवल, होटल स्टे, गिफ्ट वाउचर और कई अन्य सुविधाओं का लाभ उठाते हैं.

रिवार्ड प्वाइंट और बेनिफिट्स से कमाई

मनीष को क्रेडिट कार्ड से मिलने वाली सभी सुविधाएं बेहद पसंद हैं. वे एयरपोर्ट और रेलवे लाउंज, स्पा, होटल, फ्लाइट टिकट, मूवी टिकट, शॉपिंग वाउचर और यहां तक कि फ्यूल पर भी फ्री सुविधाएं लेते हैं. वे रिवार्ड प्वाइंट, एयरमाइल्स और कैशबैक को समझदारी से इस्तेमाल कर अपनी लाइफस्टाइल को आसान और बेहतर बनाते हैं.

नोटबंदी में काम आए क्रेडिट कार्ड

साल 2016 में जब भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए थे, तब देशभर में अफरा तफरी मच गई थी. लोग बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी कतारों में खड़े थे. लेकिन मनीष के लिए यह समय आसान रहा. उन्होंने बिना किसी परेशानी के अपने सभी खर्च क्रेडिट कार्ड से डिजिटल तरीके से पूरे किए.

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शिक्षा और तकनीक से बनी मिसाल

मनीष की पढ़ाई कंप्यूटर और सोशल वर्क दोनों क्षेत्रों में है. उन्होंने बीसीए की पढ़ाई कानपुर के सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से की, एमसीए लखनऊ के इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से और मास्टर ऑफ सोशल वर्क आईजीएनओयू से किया. उनकी कहानी दिखाती है कि जब तकनीक और वित्त को समझदारी से जोड़ा जाए तो साधारण चीजें भी असाधारण बन सकती हैं.