इस बार फाइल करेंगे ITR, 12 लाख पर जीरो टैक्स से न हों कंफ्यूज, जानें कौन सा रेट होगा कैलकुलेट

अगर आपकी टैक्स बचत ज्यादा नहीं है, तो नया टैक्स सिस्टम आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है. लेकिन जिन लोगों के पास HRA, 80C और अन्य कटौतियों का लाभ है, वे पुराने सिस्टम से अधिक फायदा ले सकते हैं.

अगर आपकी टैक्स बचत ज्यादा नहीं है, तो नया टैक्स सिस्टम आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है. Image Credit: Money9live

New Tax Regime 2025 ITR filing: अगर आप टैक्सपेयर्स हैं और ITR भरने के लिए योग्य हैं तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फॉर्म 1 और 4 जारी कर दिए हैं. इसको भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न भरने के लिए दो टैक्स सिस्टम उपलब्ध हैं — पुराना और नया. पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C, 80D और 80DD जैसे प्रावधानों के तहत टैक्स सेविंग के लिए निवेश पर कटौती का लाभ मिल सकता है, लेकिन इसमें टैक्स दरें अधिक होती हैं. जबकि नए टैक्स सिस्टम में कोई टैक्स कटौती नहीं मिलती लेकिन इसमें रेट्स कंसेशनल होती हैं. अगर आप न्यू टैक्स रिजीम में रिटर्न भरने की सोच रहे हैं तो आपको इन 7 बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.

डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम

टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम रिटर्न भरने के लिए अब डिफॉल्ट विकल्प है. इसका मतलब है कि जब तक आप ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं चुनते, तब तक आपको नया टैक्स सिस्टम ही लागू माना जाएगा.

कम टैक्स दरें

नए सिस्टम में पुराने के मुकाबले टैक्स रेट्स कम (साल 2024-25 के लिए) हैं. जो व्यक्ति सालाना 7 लाख रुपये तक कमाते हैं उन्हें सेक्शन 87A के तहत छूट के बाद कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है.

कौन-सी दरें लागू होंगी?

बजट 2025 के अनुसार, ₹12 लाख तक की आय वालों को टैक्स में राहत दी गई है, लेकिन यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इस बार जो रिटर्न भरा जा रहा है, वह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए है, जिसमें बजट 2024 की टैक्स दरें लागू होंगी:

New Tax Regime (FY 2024-25):

वार्षिक आयटैक्स दर
0 – ₹3 लाखNIL
₹3-7 लाख5%
₹7-10 लाख10%
₹10-12 लाख15%
₹12-15 लाख20%
₹15 लाख से ऊपर30%

Old Tax Regime:

वार्षिक आयटैक्स दर
0 – ₹2.5 लाखNIL
₹2.5-5 लाख5%
₹5-10 लाख20%
₹10 लाख से ऊपर30%

नियोक्ता को बताना जरूरी

अगर आप सैलरीड कर्मचारी हैं, तो आपको यह तय करना होगा कि आप कौन-सा टैक्स सिस्टम अपनाना चाहते हैं और इसकी जानकारी समय पर अपने नियोक्ता को देनी होगी. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि आपने डिफॉल्ट टैक्स चुना है और इसके अनुसार TDS की कटौती होगी.

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HRA पर नहीं मिलेगा छूट

अगर आप न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं तो पुराने की तुलना में यहां पर आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की छूट नहीं मिलेगी.

कौन-सी डिडक्शन मिलेंगी?

नए टैक्स सिस्टम में 80C, 80D, 80G जैसी कटौतियां नहीं मिलतीं. लेकिन कुछ कटौतियां अब भी मान्य हैं. जैसे कि सेक्शन 80CCD(2) — NPS में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन, सेक्शन 80CCH — अटल पेंशन योजना, और सेक्शन 80JJAA — नए कर्मचारियों को रोजगार देने पर लाभ.

हर साल बदल सकते हैं ऑप्शन

पर्सनल टैक्सपेयर्स के पास यह ऑप्शन है कि वह हर साल टैक्स सिस्टम बदल सकते हैं. यानी अगर आपने पिछले साल ओल्ड टैक्स रिजीम चुना था तो इस साल न्यू को अपना सकते हैं.