2026 से बदल जाएगा जीरो बैलेंस अकाउंट का नियम, RBI ने BSBD नियमों में किए बड़े बदलाव; ग्राहकों को मिलेगी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने 2026 से लागू होने वाले BSBD यानी जीरो बैलेंस अकाउंट से जुड़े नए नियमों की घोषणा कर दी है. नए नियमों के तहत ग्राहकों को अब पहले से अधिक मुफ्त बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें ATM Card, चेक बुक, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और मुफ्त निकासी जैसी सुविधाएं शामिल हैं. यह बदलाव 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू होंगे.

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RBI BSBD Rules 2026: भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने देशभर में बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट यानी BSBD खातों को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है. RBI ने वर्ष 2026 से लागू होने वाले BSBD खातों के नए नियमों की घोषणा कर दी है, जिनके तहत अब जीरो बैलेंस खातों में ग्राहकों को पहले से ज्यादा मुफ्त सुविधाएं मिलेंगी. ये बदलाव 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में प्रभावी होंगे. RBI ने बताया है कि यह निर्णय 1 अक्टूबर 2025 को जारी किए गए ड्राफ्ट BSBD दिशा-निर्देशों पर जनता और विभिन्न हितधारकों से मिले सुझावों की समीक्षा के बाद लिया गया है.

सभी बैंकों के लिए जारी हुए 7 संशोधन निर्देश

RBI ने कुल 7 संशोधन निर्देश जारी किए हैं, जो कमर्शियल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक, लोकल एरिया बैंक, रीजनल रूरल बैंक, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और रूरल कोऑपरेटिव बैंक सभी पर लागू होंगे. इन संशोधनों का उद्देश्य BSBD खातों की पहुंच को बढ़ाना, उपयोग को प्रोत्साहित करना और ग्राहकों को बेहतर सेवा देना है.

नए नियमों के तहत BSBD खातों की प्रमुख सुविधाएं

संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार हर बैंक को BSBD खाता एक मानक बचत खाते के रूप में उपलब्ध कराना होगा, जिसमें कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होगी. इन खातों में मिलने वाली प्रमुख मुफ्त सुविधाएं इस प्रकार हैं:

  • ग्राहक किसी भी माध्यम से मुफ्त में नकद जमा कर सकेंगे और जमा की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी.
  • बिना किसी सालाना शुल्क के ATM या डेबिट कार्ड दिया जाएगा.
  • हर साल कम से कम 25 पन्नों की चेक बुक मुफ्त मिलेगी.
  • इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा निशुल्क रहेगी.
  • पासबुक या मंथली स्टेटमेंट भी मुफ्त दिया जाएगा.
  • हर महीने कम से कम 4 बार मुफ्त निकासी की सुविधा मिलेगी, जिसमें ATM और ट्रांसफर लेनदेन शामिल होंगे.

डिजिटल पेमेंट जैसे UPI, NEFT, RTGS, IMPS और पॉइंट ऑफ सेल लेनदेन को मासिक निकासी सीमा में नहीं जोड़ा जाएगा. इसके अलावा बैंक किसी ग्राहक पर एटीएम कार्ड, डिजिटल बैंकिंग या चेक बुक लेने का दबाव नहीं बना सकेंगे. ये सुविधाएं केवल ग्राहक की मांग पर ही दी जाएंगी.

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