मृतक के खाते को लेकर RBI की नई गाइडलाइन, 15 दिन में निपटेंगे क्लेम, देरी होने पर बैंक देगा मुआवजा, जानें ब्याज

आरबीआई ने मृतक ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकरों के दावों का निपटान अब 15 दिनों में करने के नए नियम जारी किए हैं. देरी होने पर बैंकों को नामित व्यक्ति को मुआवजा देना होगा. मुआवजे के रूप में बकाया राशि पर मौजूदा बैंक रेट 4 फीसदी सालाना की दर से ब्याज देगा, जो देरी की अवधि के लिए होगा. सुरक्षित जमा लॉकर में रखी वस्तुओं के दावों में समय सीमा का पालन ना करने पर, बैंक दावेदार को हर दिन की देरी के लिए 5,000 रुपये मुआवजा देगा.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया Image Credit: Getty image

RBI New Guidelines Deposit Claim of Deceased: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को मृतक ग्राहकों के बैंक खातों और लॉकरों के दावों को 15 दिनों के अंदर निपटाने के लिए नियमों में बदलाव जारी किए हैं. इन नियमों में देरी होने पर नामित व्यक्ति को मुआवजा देने का भी प्रावधान है. ये निर्देश बैंकों की अलग-अलग प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने और डॉक्यूमेंट को सही करने के लिए हैं, ताकि ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो.

कब से लागू होंगे नए कानून?

आरबीआई ने ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (बैंकों के मृतक ग्राहकों के दावों का निपटान) निर्देश, 2025’ नाम से ये संशोधित निर्देश जारी किए हैं. ये निर्देश जितनी जल्दी हो सके लागू किए जाएंगे, लेकिन 31 मार्च, 2026 से पहले इसे लागू करना अनिवार्य है. ये निर्देश मृतक ग्राहक के जमा खातों, सुरक्षित लॉकर में रखी वस्तुओं के दावों के निपटान से संबंधित हैं.

नॉमिनी या सर्वाइवर क्लॉज वाले खाते

अगर जमा खाते में नामांकन (नॉमिनी का नाम जोड़ा गया है) किया गया है या सर्वाइवर क्लॉज के साथ खोला गया है, तो मृतक जमाकर्ता की मौत पर बकाया राशि नामित व्यक्ति को देना बैंक की जिम्मेदारी का है.

अगर खाते में नामांकन या सर्वाइवर क्लॉज नहीं है और कुल देय राशि अगर थ्रेशोल्ड लिमिट से कम है, तो बैंक आसान प्रक्रिया अपनाएंगे. थ्रेशोल्ड लिमिट सहकारी बैंक के लिए 5 लाख रुपये और अन्य बैंकों के लिए 15 लाख रुपये है, या बैंक द्वारा तय की गई ऊपरी सीमा.

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अगर राशि थ्रेशोल्ड लिमिट से ज्यादा है तो क्या होगा?

अगर राशि थ्रेशोल्ड लिमिट से ज्यादा है, तो बैंक उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या कानूनी वारिस प्रमाणपत्र जैसे अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकते हैं. आरबीआई ने सरलीकृत प्रक्रिया के बाहर आने वाले दावों के निपटान के लिए भी नियम बताए हैं. साथ ही, मृतक ग्राहक के सुरक्षित जमा लॉकर और सुरक्षित हिरासत में रखी वस्तुओं के दावों के निपटान के लिए भी विस्तृत नियम दिए गए हैं.

दावों के निपटान की समय सीमा क्या है?

जमा खातों (Deposit Account) के दावों को सभी जरूरी दस्तावेज मिलने के 15 दिनों के अंदर निपटाना होगा. सुरक्षित जमा लॉकर में रखी वस्तुओं के लिए, बैंक 15 कैलेंडर दिनों के अंदर दावा प्रोसेस करेगा और दावेदार से लॉकर या वस्तुओं की सूची बनाने की तारीख तय करने के लिए संपर्क करेगा.

देरी होने पर क्या होगा?

अगर जमा से जुड़े दावे तय समय में नहीं निपटते, तो बैंक दावेदार को देरी के कारण बताएगा. अगर देरी बैंक की वजह से है, तो बैंक मुआवजे के रूप में बकाया राशि पर मौजूदा बैंक रेट 4 फीसदी सालाना की दर से ब्याज देगा, जो देरी की अवधि के लिए होगा. सुरक्षित लॉकर में रखी वस्तुओं के दावों में समय सीमा का पालन ना करने पर, बैंक दावेदार को हर दिन की देरी के लिए 5,000 रुपये मुआवजा देगा.